काव्यांश (भाषा - ब्रजभाषा )

 कमला थिर न रहीम कहि

1.    अमर बेलि बिनु मूल की, प्रतिपालत…

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 कौन बड़ाई जलधि मिलि, गंग नाम भो धीम

1.    कौन बड़ाई जलधि मिलि, गंग नाम…

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 गहि सरनागति राम की

1.    कागद को सो पूतरा, सहजहि मैं…

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 धूर धरत नित सीस पै

1.    दिव्य दीनता के रसहिं, का जाने…

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 पाइ महावर दैंन कौं

1.    पाइ महावर दैंन कौं नाइनि बैठी…

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 प्रेम-प्रेम सोउ कहत, प्रेम न जानत कोय

1.    प्रेम अयनि श्रीराधिका, प्रेम-बरन…

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 मोही मोह जनाय कै अहे अमोही जोहि

1.    जानराय ! जानत सबैं, अन्तरगत…

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 रहिमन असमय के परे, हित अनहित ह्वै जाय

1.    रहिमन असमय के परे, हित अनहित…

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 रहिमन बहु भेषज करत

1.    रहिमन धोखे भाव से, मुख से…

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 राधामाधव सखिन संग, बिहरत कुंज कुटीर

1.    जो जातें जामें बहुरि जा हित…

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 राम नाम जान्यो नहीं

1.    रहिमन सुधि सबतें भली, लगै…

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अकुलानि के पानि पर्यौ दिनराति

अकुलानि के पानि पर्यौ दिनराति सु ज्यौ छिनकौ न कहूँ…

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अँखियाँ हरि दरसन की भूखी

अँखियाँ हरि दरसन की भूखी।
कैसे रहैं रूपरसराची…

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अंग-अंग-नग जगमगत

1.    सायक-सम मायक नयन, रँगे बिबिध…

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अति मलीन बृषभानुकुमारी

अति मलीन बृषभानुकुमारी।
हरि स्रमजल अंतर तनु…

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अति सूछम कोमल अतिहि, अति पतरो अति दूर

1.    अति सूछम कोमल अतिहि, अति पतरो…

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अति सूधो सनेह को मारग है

अति सूधो सनेह को मारग है जहाँ नैकु सयानप बाँक नहीं। Read More

अधर धरत हरि कैं

1.    अधर धरत हरि कैं, परत ओठ-डीठि-पट-जोति। Read More

अधिक बधिक तें सुजान, रीति रावरी है

अधिक बधिक तें सुजान, रीति रावरी है,
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अन्त तें न आयो याही गाँवरे को जायो

अन्त तें न आयो याही गाँवरे को जायो,
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अन्तर आँच उसास तचै

अन्तर आँच उसास तचै अति अंग उसीजै उदेग की आवस। Read More

अन्तर उदेग दाह आँखिन प्रवाह-आँसू

अन्तर उदेग दाह आँखिन प्रवाह-आँसू
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अपने अंग के जानि कै

1.    अपने अंग के जानि कै जोबन-नृपति…

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अब रहीम चुप करि रहउ समुझि दिनन के फेर

1.    अंतर दाव लगी रहै धुआँ न प्रगटै…

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अब रहीम चुप करि रहउ, समुझि दिनन कर फेर

1.    अनुचित उचित रहीम लघु, करहिं…

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आई खेलि होरी ब्रजगोरी वा किसोरी संग

आई खेलि होरी ब्रजगोरी वा किसोरी संग
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आई हौ आज नई ब्रज में कछु नैन नचाइ कैं रार मचैहौ

आई हौ आज नई ब्रज में कछु नैन नचाइ कैं रार मचैहौ। Read More

आए जोग सिखावन पाँड़े

आए जोग सिखावन पाँड़े।
परमारथी पुराननि लादे…

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आज भटू इक गोपवधू

आज भटू इक गोपवधू भई बावरी नेकु न अंग सम्हारै। Read More

आजु गई हुती भोरही हौं

आजु गई हुती भोरही हौं रसखानि रई कहि नन्द के भौंनहिं। Read More

आयो घोष बड़ो व्यापारी

आयो घोष बड़ो व्यापारी।
लाद खेंप गुन ज्ञान जोग…

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आवत हौ रस के चसके तुम जानत हौ रस होत कहा हो

आवत हौ रस के चसके तुम जानत हौ रस होत कहा हो। Read More

आस ही अकास मधि

आस ही अकास मधि अवधि गुनै बढ़ाय
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आसा-गुन बाँधि कै भरोसो-सिल धरि छाती

आसा-गुन बाँधि कै भरोसो-सिल धरि छाती
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इत बाँट परी सुधि

इत बाँट परी सुधि, रावरे भूलनि कैंसे उराहनो दीजियै…

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इत भायनि भाँवरे भौंर भरै

इत भायनि भाँवरे भौंर भरै उत चायनि चाहि चकोर चकैं। Read More

उद्धव ! बेगिही ब्रज जाहु

उद्धव ! बेगिही ब्रज जाहु।
सुरति सँदेस सुनाय…

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उद्धव मन अभिलाष बढ़ायो

उद्धव मन अभिलाष बढ़ायो।
जदुपति जोग जानि जिय…

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उपमा एक न नैन गही

उपमा एक न नैन गही।
कबिजन कहत चलि आए सुधि करि…

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उर में माखनचार गड़े

उर में माखनचार गड़े।
अब कैसहु निकसत नहिं, ऊधो!…

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ऊँचै चितै सराहियतु गिरह कबूतरु लेतु

1.    ऊँचै चितै सराहियतु गिरह कबूतरु…

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ऊधो!  मन माने की बात

ऊधो!  मन माने की बात।
जरत पतंग दीप में…

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ऊधो! अब यह समुझ भई

ऊधो! अब यह समुझ भई।
नँदनंदन के अंग अंग प्रति…

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ऊधो! इतनी कहियो जाय

ऊधो! इतनी कहियो जाय।
अति कृसगात भई हैं तुम…

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ऊधो! क्यों राखै ये नैन

ऊधो! क्यों राखै ये नैन ?
सुमिरि सुमिरि गुन…

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ऊधो! जाहु तुम्है हम जानै

ऊधो! जाहु तुम्है हम जानै।
स्याम तुम्है ह्याँ…

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ऊधो! जुवतिन ओर निहारौ

ऊधो! जुवतिन ओर निहारौ।
तब यह जोग मोट हम आगे…

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ऊधो! जोग बिसरि जनि जाहु

ऊधो! जोग बिसरि जनि जाहु।
बाँधहु गाँठि कहूँ…

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ऊधो! जोग सुन्यो हम दुर्लभ

ऊधो! जोग सुन्यो हम दुर्लभ।
आपु कहत हम सुनत…

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ऊधो! तुम अति चतुर सुजान

ऊधो! तुम अति चतुर सुजान।
जेहि पहिले रँग रँगी…

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ऊधो! तुम हौ अति बड़भागी

ऊधो! तुम हौ अति बड़भागी।
अपरस रहत सनेह तगा…

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ऊधो! ना हम बिरही, ना तुम दास

ऊधो! ना हम बिरही, ना तुम दास।
कहत सुनत घट…

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ऊधो! प्रीति न मरन बिचारै

ऊधो! प्रीति न मरन बिचारै।
प्रीति पतंग जरै…

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ऊधो! ब्रज की दसा बिचारो

ऊधो! ब्रज की दसा बिचारो।
ता पाछे यह सिद्धि…

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ऊधो! ब्रज में पैठ करी

ऊधो! ब्रज में पैठ करी।
यह निर्गुन गाँठरी अब…

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ऊधो! भली करी तुम आए

ऊधो! भली करी तुम आए।
ये बातें कहि कहि या दुख…

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ऊधो! मन नहिं हाथ हमारे

ऊधो! मन नहिं हाथ हमारे।
रथ चढ़ाय हरि संग गए…

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ऊधो! हम अजान मति भोरी

ऊधो! हम अजान मति भोरी।
जानति है ते जोग की…

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ऊधो! हम आजु भई बड़ भागी

ऊधो! हम आजु भई बड़ भागी।
जैसे सुमन गंध लै आवतु…

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एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय

1.    एकै साधे सब सधै, सब साधे सब…

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एरी आजु काल्हि सब लोक लाज त्यागि दोऊ

एरी आजु काल्हि सब लोक लाज त्यागि दोऊ
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एरी कहा बृषभानपुरा की तौ दान दियें बिन जान न पैहौ

एरी कहा बृषभानपुरा की तौ दान दियें बिन जान न पैहौ। Read More

ऐसी बात कहौ जनि ऊधो

ऐसी बात कहौ जनि ऊधो!
ज्यो त्रिदोष उपजे जक…

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ऐसेई जन दूत कहावत

ऐसेई जन दूत कहावत।
मोको एक अचंभो आवत यामें…

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कंत रमैं उर अंतर में

कंत रमैं उर अंतर में सु लहै नहीं क्यौं सुखरासि…

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कब कौ टेरतु दीन रट

1.    कब कौ टेरतु दीन रट, होत न…

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कबहुँ सुधि करत गोपाल हमारी

कबहुँ सुधि करत गोपाल हमारी।
पूछत नंद पिता…

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करौ कुबत जगु

1.    भृकुटी-मटकनि, पीतपट-चटक, लटकती…

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कल कानन कुण्डल मोरपखा

कल कानन कुण्डल मोरपखा उर पैं बनमाल बिराजति है। Read More

कहत सबै, बेंदी दियैं

1.    दियौ अरघु, नीचैं चलौ, संकटु…

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कहाँ एतो पानिप बिचारी पिचकारी धरै

कहाँ एतो पानिप बिचारी पिचकारी धरै,
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कहा करौं बैकुंठ लै, कल्प बृच्छ की छाँह

1.    कहा करौं बैकुंठ लै, कल्प बृच्छ…

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कहा रसखानि सुखसंपति सुमार कहा

कहा रसखानि सुखसंपति सुमार कहा,
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कहाँ लगि मानिए अपनी चूक

कहाँ लगि मानिए अपनी चूक।
बिन गोपाल, ऊधो, मेरी…

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कहिबे जोय न कछु सक राखो

कहिबे जोय न कछु सक राखो।
लावा मेलि दए हैं…

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कहियो नंद कठोर भए

कहियो नंद कठोर भए।
हम दोउ बीरैं डारि परघरै…

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कहौ लौ कीजै बहुत बड़ाई

कहौ लौ कीजै बहुत बड़ाई।
अतिहि अगाध अपार अगोचर…

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काज परै कछु और है, काज सरै कछु और

1.    ऊगत जाही किरन सों अथवत ताही…

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कानन दै अँगुरी रहिबो

कानन दै अँगुरी रहिबो जबहीं मुरली धुनि मन्द बजैहै। Read More

कान्ह भए बस बाँसुरी के

कान्ह भए बस बाँसुरी के अब कौन सखी हमकों चहिहै। Read More

कारी कूर कोकिला कहाँ को बैर काढ़ति री

कारी कूर कोकिला कहाँ को बैर काढ़ति री,
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काहे को रोकत मारग सूधो

काहे को रोकत मारग सूधो ?
सुनहु मधुप ! निर्गुन…

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कुटिलन संग रहीम कहि साधू बचते नाहिं

1.    कुटिलन संग रहीम कहि साधू बचते…

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को ललचाइ न लाल के लखि ललचौंहैं नैन

1.    पट सौं पोंछि परी करौ, खरी-भयानक-भेष। Read More

कोउ ब्रज बाँचत नाहिंन पाती

कोउ ब्रज बाँचत नाहिंन पाती।
कत लिखि लिखि पठवत…

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कोऊ आवत है तन स्याम

कोऊ आवत है तन स्याम।
वैसेइ पट, वैसिय रथ बैठनि,…

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कौन ठगौरी भरी हरि आजु

कौन ठगौरी भरी हरि आजु बजाई है बाँसुरिया रंग भीनी। Read More

कौन भाँति रहिहै बिरदु

1.    निज करनी सकुचेहिं कत सकुचावत…

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क्यों हँसि हेरि हर्यो हियरा

क्यों हँसि हेरि हर्यो हियरा अरु क्यौं हित कै चित…

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खंजन नैन फँसे पिंजरा

खंजन नैन फँसे पिंजरा छवि नाहि रहै थिर कैसहूँ माई। Read More

खीरा सिर तें काटिए मलियत नमक बनाय

1.    ओछो काम बड़े करैं तो न बड़ाई…

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खेलत फाग सुहाग भरी

खेलत फाग सुहाग भरी अनुरागहिं लालन कों धरि कै। Read More

खोय दई बुधि सोय गई सुधि

खोय दई बुधि सोय गई सुधि रोय हँसे उनमाद जग्यो है। Read More

खौरि-पनिच भृकुटी-धनुषु

1.    चलन न पावतु निगम-मगु जगु,…

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गारी के देवैया बनवारी तुम कहौ कौन

गारी के देवैया बनवारी तुम कहौ कौन
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गुन ते लेत रहीम जन, सलिल कूप ते काढ़ि

1.    कोउ रहीम जनि काहु के, द्वार…

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गोकुल को ग्वाल काल्हि चौमुँह की ग्वालिन सौं

गोकुल को ग्वाल काल्हि चौमुँह की ग्वालिन सौं Read More

गोकुल सबै गोपाल उपासी

गोकुल सबै गोपाल उपासी।
जोग अंग साधत जे ऊधो…

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गोरज बिराजै भाल लहलही बनमाल

गोरज बिराजै भाल लहलही बनमाल
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घनआनँद जीवनमूल सुजान

घनआनँद जीवनमूल सुजान की कौंधनहूँ न कहूँ दरसै। Read More

घर ही घर चौचँद-चाँचरि दै

घर ही घर चौचँद-चाँचरि दै बहु भाँतिन रंग रचाय रह्यौ। Read More

चंद चकोर की चाह करै

चंद चकोर की चाह करै घनआनँद स्वाति पपीहा कौं धावै। Read More

चातिक चुहल चहुँ ओर चाहै स्वाति ही को

चातिक चुहल चहुँ ओर चाहै स्वाति ही को।
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चिरजीवौ जोरी

1.    प्रलय-करन बरषन लगे जुरि जलधर…

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छछिया भरि छाछ पै नाच नचावत

गावैं गुनी गनिका गन्धर्ब औ सारद सेस सबै गुन गावत। Read More

छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं

सेस गनेस महेस दिनेस सुरेसहु जाहि निरन्तर गावैं। Read More

छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं

शंकर से सुर जाहि भजैं चतुरानन ध्यान में धर्म बढ़ावैं। Read More

छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं

लाय समाधि रहे बरम्हादिक जोगी भये पर अन्त न पावैं। Read More

छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं

गुंज गरें सिर मोरपखा अरु चाल गयंद की मो मन भावै। Read More

छबि को सदन मोद मंडित बदन-चंद

छबि को सदन मोद मंडित बदन-चंद
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छूट्यौ गृह काज लोक लाज मनमोहन कै

छूट्यौ गृह काज लोक लाज मनमोहन कै
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जगतु जनायौ जिहिं सकलु

1.    जगतु जनायौ जिहिं सकलु, सो…

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जटित नीलमनि जगमगति

1.    लसतु सेतसारी-ढप्यौ, तरल तर्यौना…

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जल की न घट भरैं मग की न पग धरैं

जल की न घट भरैं मग की न पग धरैं
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जा दिन तें निरख्यो नन्दनन्दन

जा दिन तें निरख्यो नन्दनन्दन कानि तजी घर बन्धन…

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जा दिन तें वह नन्द को छोहरो

जा दिन तें वह नन्द को छोहरो या बन धेनु चराइ गयो…

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जातें उपजत प्रेम सोइ, बीज कहावत प्रेम

1.    स्वारथमूल अशुद्ध त्यों, शुद्ध…

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जान के रूप लुभाय के नैननि

जान के रूप लुभाय के नैननि बेंचि करी अधबीच ही लौंडी। Read More

जासों प्रीति ताहि निठुराई

जासों प्रीति ताहि निठुराई सों निपट नेह,
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जीवन मुँहचाही को नीको

जीवन मुँहचाही को नीको।
दरस परस दिनरात करति…

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जे गरीब पर हित करैं ते रहीम बड़ लोग

1.    जे गरीब पर हित करैं ते रहीम…

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जो रहीम ओछो बढ़ै, तौ अति ही इतराय

1.    जेहि अंचल दीपक दुर्यो, हन्यो…

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जो रहीम भावी कतौं, होति आपुने हाथ

1.    करम हीन रहिमन लखो धँसो बड़े…

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जो विषया संतन तजी

1.    जैसी तुम हमसों करी, करी करो…

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जोग ठगौरी ब्रज न बिकैहै

जोग ठगौरी ब्रज न बिकैहै।
यह ब्योपार तिहारो…

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जोहौं मैं तिहारी ओर नन्दगाँव के किसोर

जोहौं मैं तिहारी ओर नन्दगाँव के किसोर
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झलकै अति सुन्दर आनन गौर

झलकै अति सुन्दर आनन गौर, छके दृग राजत काननि छ्वै। Read More

झीनैं पट में झुलमुली

1.    जोग-जुगति सिखए सबै मनौ…

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तन रहीम है कर्म बस, मन राखो ओहि ओर

1.    तन रहीम है कर्म बस, मन राखो…

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तब तौ छबि पीवत जीवत हे

तब तौ छबि पीवत जीवत हे, अब सोचन लोचन जात जरे। Read More

तबहि उपँगसुत आय गए

तबहि उपँगसुत आय गए।
सखा सखा कछु अंतर नाहीं…

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तिहारी प्रीति किधौं तरवारि

तिहारी प्रीति किधौं तरवारि ?
दृष्टिधार करि…

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तेरो बुरो न कोऊ मानै

तेरो बुरो न कोऊ मानै।
रस की बात मधुप नीरस,…

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तैं रहीम मन आपुनो, कीन्हों चारु चकोर

1.    तैं रहीम मन आपुनो, कीन्हों…

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तोहूँ पहिचानौं बृषभान हूँ को जानौं नेकु

तोहूँ पहिचानौं बृषभान हूँ को जानौं नेकु
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तौ हम मानैं बात तुम्हारी

तौ हम मानैं बात तुम्हारी।
अपनो ब्रह्म दिखावहु…

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थोथे बादर क्वार के ज्यों रहीम घहरात

1.    जैसी जाकी बुद्धि है तैसी कहै…

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थोरो किए बड़ेन की, बड़ी बड़ाई होय

1.    जो रहीम दीपक दसा, तिय राखत…

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दसन-बसन ओली भरियै रहै गुलाल

दसन-बसन ओली भरियै रहै गुलाल,
   …

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दान पै न कान सुने लैहों सो गुमान भंजि

दान पै न कान सुने लैहों सो गुमान भंजि
 …

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दीरघ साँस न लेहि दुख

1.    नीकी दई अनाकनी, फीकी परी गुहारि। Read More

देनहार कोउ और है

1.    देनहार कोउ और है, भेजत सो…

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दोनों रहिमन एक से, जौ लौं बोलत नाहिं

1.    दुरदिन परे रहीम कहि, दुरथल…

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धूर भरे अति शोभित स्याम जू

धूर भरे अति शोभित स्याम जू तैसी बनी सिर सुन्दर…

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नन्द की न दासी हम जातिहू मैं नाही कम

नन्द की न दासी हम जातिहू मैं नाही कम
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नयननि वहै रूप जौ देख्यो

नयननि वहै रूप जौ देख्यो।
तौ ऊधो यह जीवन जग…

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नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत

1.    नाद रीझि तन देत मृग, नर धन…

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नाहिं न रह्यो मन में ठौर

नाहिं न रह्यो मन में ठौर।
नंदनंदन अछत कैसे…

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निरखत अंक स्यामसुंदर के बार बार लावति छाती

निरखत अंक स्यामसुंदर के बार बार लावति छाती। Read More

निर्गुन कौन देस को वासी

निर्गुन कौन देस को वासी ?
मधुकर ! हँसि समुझाय,…

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निसि अंधियारी, नील पटु पहिरि

1.    निसि अंधियारी, नील पटु पहिरि,…

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निसि-द्यौस खरी उर-माँझ अरी

निसि-द्यौस खरी उर-माँझ अरी, छबि रंग-भरी मुरि चाहनि…

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नीके रहियो जसुमति मैया

नीके रहियो जसुमति मैया।
आवैंगे दिन चारि पाँच…

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नेह-निधान सुजान-समीप

नेह-निधान सुजान-समीप तौ सींचति ही हियरा सियराई। Read More

नैन लख्यो जब कुंजन तें

नैन लख्यो जब कुंजन तें वन तें निकस्यो अँटक्यो मटक्यो…

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नैना नैंक न मानहीं

1.    नैना नैंक न मानहीं, कितौ कह्यौ…

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नौ लख गाय सुनी हम नन्द के तापर दूध दही न अघाने

नौ लख गाय सुनी हम नन्द के तापर दूध दही न अघाने। Read More

पँखुरी लगी गुलाब की गात न जानी जाइ

1.    अंग अंग छबि की लपट उपटति जाति…

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पथिक ! सँदेसो कहियो जाय

पथिक ! सँदेसो कहियो जाय।
आवैंगे हम दोनों भैया,…

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पहचानै हरि कौन मो से अनपहचान की

1.    घनआनँद रसऐन, कहौ कृपानिधि…

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पहिलें घनआनँद सींचि सुजान

पहिलें घनआनँद सींचि सुजान कहीं बतियाँ अति प्यार…

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पाती सखि! मधुबन तें आई

पाती सखि! मधुबन तें आई।
ऊधो हाथ स्याम लिखि…

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पाती-मधि छाती-छत लिखि न लिखाए जाहिं

पाती-मधि छाती-छत लिखि न लिखाए जाहिं
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पाप के पुंज सकेलि सु कौन

पाप के पुंज सकेलि सु कौन धौं आन घरी मैं बिरंचि…

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पीरी परि देह छीनी राजति सनेह भीनी

पीरी परि देह छीनी राजति सनेह भीनी,
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प्रकृति जोइ जाके अंग परी

प्रकृति जोइ जाके अंग परी।
स्वानपूँछ कोटिक…

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प्रीतम छबि नैननि बसी पर छबि कहाँ समाय

1.    प्रीतम छबि नैननि बसी पर छबि…

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फागुन महीना की कही ना परै बातै

फागुन महीना की कही ना परै बातै दिन-
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फागुन लाग्यो सखी जब तें

फागुन लाग्यो सखी जब तें तब तें ब्रजमंडल धूम मच्यो…

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फिरि फिरि कहा सिखावत मौन

फिरि फिरि कहा सिखावत मौन।
दुसह वचन अलि यों…

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बंक बिलोकनि है दुखमोचन

बंक बिलोकनि है दुखमोचन दीरघ लोचन रंग भरे हैं। Read More

बजी है बजी रसखानि बजी

बजी है बजी रसखानि बजी सुनिकै अब गोपकुमारि न जीहै। Read More

बड़े बड़ाई नहिं तजैं, लघु रहीम इतराइ

1.    बड़े बड़ाई नहिं तजैं, लघु रहीम…

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बधिकौ सुधि लेत सुन्यौ हति कै

बधिकौ सुधि लेत सुन्यौ हति कै गति रावरी क्यौंहूँ…

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बरु वै कुब्जा भलो कियो

बरु वै कुब्जा भलो कियो।
सुनि सुनि समाचार ऊधो…

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बसि कुसंग चाहत कुसल यह रहीम जिय सोस

1.    रहिमन नीच प्रसंग ते नित प्रति…

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बिकच नलिन लखें सकुचि मलिन होति

बिकच नलिन लखें सकुचि मलिन होति,
   …

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बिकल बिषाद-भरे ताहीं की तरफ तकि

बिकल बिषाद-भरे ताहीं की तरफ तकि,
   …

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बिगरी बात बनै नहीं लाख करौ किन कोय

1.    पावस देखि रहीम मन कोइल साधे…

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बिन गोपाल बैरिन भई कुंजैं

बिन गोपाल बैरिन भई कुंजैं।
तब ये लता लगति…

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बिपति भए धन ना रहे, रहे जो लाख करोर

1.    पसरि पत्र झँपहि पितहिं, सकुचि…

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बिरहा-रबि सौं घट-ब्योम तच्यो

बिरहा-रबि सौं घट-ब्योम तच्यो बिजुरी सी खिबैं इकली…

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बिलग जनि मानहु, ऊधो प्यारे

बिलग जनि मानहु, ऊधो प्यारे।
वह मथुरा काजर…

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बेसरि-मोती-दुति-झलक परी

1.    बेसरि-मोती-दुति-झलक परी ओठ…

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ब्याही अनब्याही ब्रजमाहीं सब चाही तासों

ब्याही अनब्याही ब्रजमाहीं सब चाही तासों
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ब्रजनन सकल स्याम ब्रतधारी

ब्रजनन सकल स्याम ब्रतधारी।
बिन गोपाल और नहिं…

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भए अति निठुर, मिटाय पहचानि डारी

भए अति निठुर, मिटाय पहचानि डारी,
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भजन कह्यौ, तातैं भज्यौ

1.    भजन कह्यौ, तातैं भज्यौ; भज्यौ…

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भार झोंकि के भार में

1.    भजौं तो काको मैं भजौं, तजौं…

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भोर ते साँझ लौ कानन ओर

भोर ते साँझ लौ कानन ओर निहारति बावरो नेकु न हारति। Read More

भौंह भरी बरुनी सुथरी

भौंह भरी बरुनी सुथरी अतिसै अधरानि रंगी रंग रातौ। Read More

मकराकृत कुंडल गुंज की माल

मकराकृत कुंडल गुंज की माल वे लाल लसैं पग पाँवरिया। Read More

मकराकृति गोपाल कैं

1.    बहके, सब जिय की कहत, ठौरु…

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मधुकर! ये नयना पै हारे

मधुकर! ये नयना पै हारे।
निरखि निरखि मग कमलनयन…

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मधुकर! ल्याए जोग सँदेसो

मधुकर! ल्याए जोग सँदेसो।
भली स्याम कुसलात…

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मधुकर! हम न होहि वे बेली

मधुकर! हम न होहि वे बेली।
जिनको तुम तजि भजत…

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मनि मनिक महँगे किये

1.    मनि मनिक महँगे किये, सस्तो…

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मनिसिज माली की उपज, कहि रहीम नहिं जाय

1.    मनिसिज माली की उपज, कहि रहीम…

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मही-दूध सम गनै हंस-बक भेद न जानै

मही-दूध सम गनै हंस-बक भेद न जानै।
कोकिल-काक…

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मान सरोवर ही मिले, हंसनि मुक्ता भोग

1.    मान सरोवर ही मिले, हंसनि मुक्ता…

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मानुष हौं तो वही रसखानि

मानुष हौं तो वही रसखानि बसौं ब्रज गोकुल गाँव के…

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मीत सुजान अनीत करौ जिन

मीत सुजान अनीत करौ जिन, हाहा न हूजियै मोहि अमोही। Read More

मूढ़ मंडली में सुजन, ठहरत नहीं बिसेषि

1.    मुकता कर करपूर कर, चातक जीवन…

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मेरी भव-बाधा हरौ

1.    मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि…

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मेरो को करै नियाब हौं तो तीनि लोक राव

मेरो को करै नियाब हौं तो तीनि लोक राव
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मैन मनोहर बैन बजै

मैन मनोहर बैन बजै सु सजे तन सोहत पीत पटा है। Read More

मो मन मानिक लै गयो

1.    मो मन मानिक लै गयो, चितै चोर…

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मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं

मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं गुंज की माल गरें पहिरौंगी। Read More

या लकुटी अरु कामरिया

या लकुटी अरु कामरिया पर राज तिहूँ पुर को तजि डारौं। Read More

रंग लियौ अबलानि के अंग तें

रंग लियौ अबलानि के अंग तें च्वाय कियौ चितचैन को…

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रहिमन छोटे नरन सो, होत बड़ो नहीं काम

1.    रहिमन खोटी आदि की, सो परिनाम…

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रहिमन तब लगि ठहरिए, दान मान सनमान

1.    यों रहीम सुख दुख सहत, बड़े…

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रहिमन तीन प्रकार ते हिम अनहित पहीचानि

1.    रहिमन तीन प्रकार ते हिम अनहित…

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रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून

1.    रहिमन पानी राखिए बिन पानी…

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रहिमन प्रीति सराहिए मिले होत रँग दून

1.    जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन…

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रहिमन बिपदाहू भली, जो थोरे दिन होय

1.    ससि की सीतल चाँदनी, सुंदर,…

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रहिमन मारग प्रेम को, मत मतिहीन मझाव

1.    रहिमन मारग प्रेम को, मत मतिहीन…

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रहिमन या तन सूप है, लीजै जगत पछोर

1.    रहिमन या तन सूप है, लीजै जगत…

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राति-द्यौस कटक सजे ही रहै दहै दुख

राति-द्यौस कटक सजे ही रहै दहै दुख
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रावरे रूप की रीति अनूप

रावरे रूप की रीति अनूप, नयो नयो लागत ज्यौं ज्यौं…

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लरिकाई को प्रेम, कहो अलि

लरिकाई को प्रेम, कहो अलि, कैसे करिकै छूटत।
कहा…

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लाजनि लपेटि चितवनि भेद-भाय भरी

लाजनि लपेटि चितवनि भेद-भाय भरी
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लाल; तुम्हारे रूप की, कहौ, रीति यह कौन

1.    जसु अपजसु देखत नहीं देखत साँवल-गात। Read More

लिखन बैठि जाकी सबी

1.    डीठि न परतु समान-दुति कनकु…

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लिखी रहीम लिलार में, भई आन की आन

1.    रहिमन दुरदिन के परे, बड़ेन…

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लोक की लाज तजी तबहीं

लोक की लाज तजी तबहीं जब देख्यो सखी ब्रजचन्द सलोनो। Read More

वहै मुसक्यानि, वहै मृदु बतरानि

वहै मुसक्यानि, वहै मृदु बतरानि, वहै
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वा मुसकान पै प्रान दियो

वा मुसकान पै प्रान दियो जिय जान दियो वह तान पै…

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सँदेसनि मधुबन कूप भरे

सँदेसनि मधुबन कूप भरे।
जे कोउ पथिक गए हैं…

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संभु धरै ध्यान जाको जपत जहान सब

संभु धरै ध्यान जाको जपत जहान सब
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समय परे ओछे बचन, सब के सहै रहीम

1.    रहिमन रहिला की भली, जो परसै…

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समय पाय फल होत है, समय पाय झरि जाय

1.    समय पाय फल होत है, समय पाय…

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सहसन को हय बाँधियत, लै दमरी की मेख

1.    छोटेन सो सोहैं बड़े, कहि रहीम…

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सीस-मुकुट, कटि-काछनी

1.    नाह गरजि नाहर-गरज, बोलु…

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सुधा तें स्रवत बिष, फूल मैं जमत सूल

सुधा तें स्रवत बिष, फूल मैं जमत सूल,
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सुनि री सजनी रजनी की कथा

सुनि री सजनी रजनी की कथा इन नैन-चकोरन ज्यौं बितई। Read More

सुनिकै यह बात हियें गुनि कै तब बोलि उठि बृषभान-लली

सुनिकै यह बात हियें गुनि कै तब बोलि उठि बृषभान-लली। Read More

सुनियो एक सँदेसो ऊधो तुम गोकुल को जात

सुनियो एक सँदेसो ऊधो तुम गोकुल को जात।
ता…

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सेस सुरेस दिनेस गनेस

सेस सुरेस दिनेस गनेस प्रजेस धनेस महेस मनाओ। Read More

सोंधे की बास उसासहि रोकति

सोंधे की बास उसासहि रोकति चंदन दाहक गाहक जी को। Read More

सोहत है चँदवा सिर मौर

सोहत है चँदवा सिर मौर के जैसियै सुन्दर पाग कसी…

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हम तो कान्ह केलि की भूखी

हम तो कान्ह केलि की भूखी।
कैसे निरगुन सुनहि…

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हम तो नंदघोष की बासी

हम तो नंदघोष की बासी।
नाम गोपाल जाति कुल गोपहि,…

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हमको हरि की कथा सुनाव

हमको हरि की कथा सुनाव।
अपनी ज्ञानकथा हो, ऊधो…

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हमसों कहत कौन की बातें ?

हमसों कहत कौन की बातें ?
सुनि ऊधो ! हम समुझत…

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हमारे हरि हारिल की लकरी

हमारे हरि हारिल की लकरी।
मन बच क्रम नँदनंदन…

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हरि काहे के अंतर्जामी

हरि काहे के अंतर्जामी ?
जौ हरि मिलत नाहिं…

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हरि के सब आधीन, पै हरी प्रेम-आधीन

1.    हरि के सब आधीन, पै हरी प्रेम-आधीन। Read More

हरि सों भलो सो पति सीता को

हरि सों भलो सो पति सीता को।
बन बन खोजत फिरत…

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हरिमुख निरखि निमुख बिसारे

हरिमुख निरखि निमुख बिसारे।
ता दिन तें मनो…

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हीन भए जल मीन अधीन

हीन भए जल मीन अधीन कहा कछु मो अकुलानि समाने। Read More