एरी आजु काल्हि सब लोक लाज त्यागि दोऊ
पीछेएरी आजु काल्हि सब लोक लाज त्यागि दोऊ
सीखे हैं सबै बिधि सनेह सरसाइबो।
यह रसखान दिना द्वै में बात फैलि जैहै
कहाँ लौं सयानी चन्दा हाथन छिपाइबो।।
आजु हौं निहार्यो बीर कालिंदी तीर
दोउन को दोउन सों मुरि मुसकाइबो।
दोऊ परैं पैयाँ दोऊ लेत हैं बलैयाँ इन्हैं
भूलि गई गैयाँ उन्हैं गागर उठाइबो।।