देनहार कोउ और है
पीछे1. देनहार कोउ और है, भेजत सो दिन रैन।
लोग भरम हम पै धरें, याते नीचे नैन।।
2. धन दारा अरु सुतन सों, लगो रहे नित चित्त।
नहिं रहीम कोउ लख्यो, गाढ़े दिन को मित्त।।
3. सौदा करो सो करि चलौ, रहिमन याही बाट।
फिर सौदा पैहो नहीं, दूरी जान है बाट।।
4. संतत संपति जानि कै, सब को सब कुछ देत।
दीनबंधु बिनु दीन की, को रहीम सुधि लेत।।
5. हरि रहीम ऐसी करी, ज्यों कमान सर पूर।
खैंचि अपनी ओर को, डारि दियो पुनि दूर।।