रहिमन ब्याह बियाधि है सकहु तो जाहु बचाय
पीछे1. रहिमन ब्याह बियाधि है सकहु तो जाहु बचाय।
पाँयन में बेड़ी परत है ढोल बजाय बजाय।।
2. जहाँ गाँठ तहँ रस नहीं, यह रहीम जग जोय।
मँड़ए तर की गाँठ में, गाँठ गाँठ रस होय।।
1. रहिमन ब्याह बियाधि है सकहु तो जाहु बचाय।
पाँयन में बेड़ी परत है ढोल बजाय बजाय।।
2. जहाँ गाँठ तहँ रस नहीं, यह रहीम जग जोय।
मँड़ए तर की गाँठ में, गाँठ गाँठ रस होय।।