अन्तर आँच उसास तचै
पीछेअन्तर आँच उसास तचै अति अंग उसीजै उदेग की आवस।
ज्यौं कहलाय मसोसनि ऊमस क्यौं हूँ कहूँ सु धरे नहिं थ्यावस।
नैनउ धारि दियें बरसैं घनआनँद छाई अनोखिये पावस।
जीवनि मूरति जान को आनन है बिन हेरें सदाई अमावस।।
अन्तर आँच उसास तचै अति अंग उसीजै उदेग की आवस।
ज्यौं कहलाय मसोसनि ऊमस क्यौं हूँ कहूँ सु धरे नहिं थ्यावस।
नैनउ धारि दियें बरसैं घनआनँद छाई अनोखिये पावस।
जीवनि मूरति जान को आनन है बिन हेरें सदाई अमावस।।