रहिमन छोटे नरन सो, होत बड़ो नहीं काम
पीछे1. रहिमन खोटी आदि की, सो परिनाम लखाय।
जैसे दीपक तम भखै, कज्जल वमन कराय।।
2. रहिमन घरिया रहँट की, त्यों ओछे की डीठ।
रीतिहि सनमुख होत है, भरी दिखावै पीठ।।
3. रहिमन चाक कुम्हार को, माँगे दिया न देइ।
छेद में डंडा डारि कै, चहै नॉंद लै लेइ।।
4. रहिमन छोटे नरन सो, होत बड़ो नहीं काम।
मढ़ो दमामो ना बने, सौ चूहे के चाम।।
5. रहिमन जगत बड़ाई की, कूकुर की पहिचानि।
प्रीति करै मुख चाटई, बैर करे तन हानि।।