झीनैं पट में झुलमुली
पीछे1. जोग-जुगति सिखए सबै मनौ महामुनि मैन।
चाहत पिय-अद्वैतता काननु सेवत नैन।।
2. झीनैं पट में झुलमुली झलकति ओप अपार।
सुरतरु की मनु सिंधु मैं लसति सपल्लव डार।।
3. डारे ठोड़ी-गाड़, गहि नैन-बटोही, मारि।
चिलक-चौंध मैं रूप-ठग, हाँसी-फाँसी डारि।।
4. कुच-गिरि चढ़ि, अति थकित ह्वै, चली डीठि मुँह-चाड़।
फिरि न टरी, परियै रही, गिरी चिबुक की गाड़।।
5. लौनैं मुहुँ दीठि न लगै, यौं कहि दीनौ ईठि।
दूनी ह्वै लागन लगी, दियैं दिठौना, दीठि।।