हम तो नंदघोष की बासी

पीछे

हम तो नंदघोष की बासी।
नाम गोपाल जाति कुल गोपहि, गोप गोपाल उपासी।
गिरिवरधारी, गोधनचारी, बृंदावन अभिलासी।
राजा नंद, जसोदा रानी जलधि नदी जमुना सी।
प्रान हमारे परम मनोहर कमलनयन सुखरासी।
सूरदास प्रभु कहौं कहाँ लौं अष्ट महासिधि दासी।। 

पुस्तक | सूरसागर (भ्रमरगीतसार) कवि | सूरदास भाषा | ब्रजभाषा रचनाशैली | मुक्तक छंद | पद