जोहौं मैं तिहारी ओर नन्दगाँव के किसोर
पीछेजोहौं मैं तिहारी ओर नन्दगाँव के किसोर
माखन के चोर तुम गोकुल के बासी हौ।
जसुदा तिहारी माइ ऊखल सों बाँधो जाइ
दानी पै कहाए आइ भए कामरासी हौ।
कंस सों कहौंगी जाइ माँगिहौं तुमै धराइ
रहौगे कहाँ छिपाइ जो बड़े मवासी हौ।
गोरस को दान हम आजहू न सुने काम
काहे लाल हम सों करत रोज रासी हौ।।