खीरा सिर तें काटिए मलियत नमक बनाय
पीछे1. ओछो काम बड़े करैं तो न बड़ाई होय।
ज्यों रहीम हनुमंत को गिरधर कहै न कोय।।
2. कहि रहीम धन बढ़ि घटे जात धनिन की बात।
घटै बढ़ै उनको कहा घास बेचि जे खात।।
3. खीरा सिर तें काटिए मलियत नमक बनाय।
रहिमन करुए मुखन को चहिअत इहै सजाय।।
4. खैर खून खाँसी खुसी बैर प्रीत मदपान।
रहिमन दाबे ना दबैं जानत सकल जहान।।
5. छिमा बड़न को चाहिए छोटन को उतपात।
का रहिमन हरि को घट्यों जो भृगु मारी लात।।