सँदेसनि मधुबन कूप भरे
पीछेसँदेसनि मधुबन कूप भरे।
जे कोउ पथिक गए हैं ह्याँ ते फिरि नहिं अवन करे।
कै वै स्याम सिखाय समोधे कै वै बीच मरे।
अपने नहिं पठवत नँदनंदन हमरेउ फेरि धरे।
मसि खूँटी कागर जल भीजे, सर दव लागि जरे।
पाती लिखें कहो क्यों करि जो पलककपाट अरे।।