आई हौ आज नई ब्रज में कछु नैन नचाइ कैं रार मचैहौ
पीछेआई हौ आज नई ब्रज में कछु नैन नचाइ कैं रार मचैहौ।
बानति हौ हमहीं छलि कै दधि बेचन जाव सो जान न पैहौ।
लैहौं चुकाइ सबै तुम सों रसखानि भले मन मैं पछतैहौ।
जो तुम होहु बड़े घर की अइलात कहा हौ जगात न दैहौ।।