अन्तर उदेग दाह आँखिन प्रवाह-आँसू
पीछेअन्तर उदेग दाह आँखिन प्रवाह-आँसू
देखी अटपटी चाह भीजनि दहनि है।
सोइबो न जागिबो हो हँसिबो न रोइबो हू
खोय-खोय आप ही में चेटक लहनि है।
जान प्यारे प्राननि बसत पै अनँदघन
बिरह बिषम दशा मूक लौं कहनि है।
जीवन मरन जीव मीच बिना बन्यौ आय
हाय कौन बिधि रची नेही की रहनि है।।