मेरो को करै नियाब हौं तो तीनि लोक राव
पीछेमेरो को करै नियाब हौं तो तीनि लोक राव
हमै घेरौ माँटी चाव दाँव भलो पायो है।
बृन्दावन कुंज माँह कदम की छाँह चलौ
अंक भरि भेंटि लैहौं जैसो मन भायो है।
हीरा मनि मानिक की काँच और पोतिन की
मोतिन की गात की जगात हौं लगायौ है।
गोरस तौ ढेर ढेर खाहु पीयौ बेर बेर
देखहु सलोनो रूप दानी कान्ह आयो है।।