जटित नीलमनि जगमगति

पीछे

1.    लसतु सेतसारी-ढप्यौ, तरल तर्यौना कान।
पर्यौ मनौ सुरसरि-सलिल रबि-प्रतिबिंबु बिहान।। 


2.    वाहि लखैं लोइन लगै कौन जुवति की जोति।
जाकैं तन की छाँह-ढिग जोन्ह छाँह सी होति।। 

 

3.    कहि, लहि कौनु सकै दुरी सौनजाइ मैं जाइ।
तन की सहज सुबास बन देती जौ न बताइ।। 


4.    जटित नीलमनि जगमगति सींक सुहाई नाँक।
मनौ अली चंपक-कली बसि रसु लेत निसाँक।। 


5.    लै चुभकी चलि जाति जित जित जल-केलि-अधीर।
कीजत केसरि-नीर से तित तित के सरि-नीर।। 
 

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