गारी के देवैया बनवारी तुम कहौ कौन

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गारी के देवैया बनवारी तुम कहौ कौन
       हम तौं बृषभान की कुमारी सब जानो है।
जोर तौ करौगे जाइ जासों हरि पार पाइ
       भुरही तें आज मो सों कैसो हठ ठानो है।
बूझि देखौ मन माहिं अरुझत मग जात
       बूझिहौ निदान कान्ह जौन कहो मानो है।
मेरे जान कोऊ मीरखान आवै दही छीनै
    तू तो है अहीर मोहिं नाहिं पहिचानो है।।

पुस्तक | दानलीला कवि | रसखान भाषा | ब्रजभाषा रचनाशैली | मुक्तक छंद | घनाक्षरी