दसन-बसन ओली भरियै रहै गुलाल
पीछेदसन-बसन ओली भरियै रहै गुलाल,
हँसनि-लसनि त्यौं कपूर सरस्यौ करै।
साँसनि सुगंध सोंधे कोरिक समोय धरे,
अंग-अंग रूप रंग रस बरस्यो करै।
जान प्यारी तो अनँदघन-हित नित,
अमित सुहाग-राग फाग दरस्यौ करै।
इतै पै नवेली लाज अरस्यौ करै जु, प्यारो,
मन फगुवा दै गारी हूँ कौं तरस्यौ करै।।