काव्यांश (छंद - दोहा)

 कमला थिर न रहीम कहि

1.    अमर बेलि बिनु मूल की, प्रतिपालत…

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 कौन बड़ाई जलधि मिलि, गंग नाम भो धीम

1.    कौन बड़ाई जलधि मिलि, गंग नाम…

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 गहि सरनागति राम की

1.    कागद को सो पूतरा, सहजहि मैं…

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 धूर धरत नित सीस पै

1.    दिव्य दीनता के रसहिं, का जाने…

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 पाइ महावर दैंन कौं

1.    पाइ महावर दैंन कौं नाइनि बैठी…

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 प्रेम-प्रेम सोउ कहत, प्रेम न जानत कोय

1.    प्रेम अयनि श्रीराधिका, प्रेम-बरन…

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 मोही मोह जनाय कै अहे अमोही जोहि

1.    जानराय ! जानत सबैं, अन्तरगत…

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 रहिमन असमय के परे, हित अनहित ह्वै जाय

1.    रहिमन असमय के परे, हित अनहित…

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 रहिमन बहु भेषज करत

1.    रहिमन धोखे भाव से, मुख से…

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 राधामाधव सखिन संग, बिहरत कुंज कुटीर

1.    जो जातें जामें बहुरि जा हित…

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 राम नाम जान्यो नहीं

1.    रहिमन सुधि सबतें भली, लगै…

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अंग-अंग-नग जगमगत

1.    सायक-सम मायक नयन, रँगे बिबिध…

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अति सूछम कोमल अतिहि, अति पतरो अति दूर

1.    अति सूछम कोमल अतिहि, अति पतरो…

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अधर धरत हरि कैं

1.    अधर धरत हरि कैं, परत ओठ-डीठि-पट-जोति। Read More

अपने अंग के जानि कै

1.    अपने अंग के जानि कै जोबन-नृपति…

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अब रहीम चुप करि रहउ समुझि दिनन के फेर

1.    अंतर दाव लगी रहै धुआँ न प्रगटै…

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अब रहीम चुप करि रहउ, समुझि दिनन कर फेर

1.    अनुचित उचित रहीम लघु, करहिं…

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ऊँचै चितै सराहियतु गिरह कबूतरु लेतु

1.    ऊँचै चितै सराहियतु गिरह कबूतरु…

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एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय

1.    एकै साधे सब सधै, सब साधे सब…

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कब कौ टेरतु दीन रट

1.    कब कौ टेरतु दीन रट, होत न…

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करौ कुबत जगु

1.    भृकुटी-मटकनि, पीतपट-चटक, लटकती…

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कहत सबै, बेंदी दियैं

1.    दियौ अरघु, नीचैं चलौ, संकटु…

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कहा करौं बैकुंठ लै, कल्प बृच्छ की छाँह

1.    कहा करौं बैकुंठ लै, कल्प बृच्छ…

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काज परै कछु और है, काज सरै कछु और

1.    ऊगत जाही किरन सों अथवत ताही…

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कुटिलन संग रहीम कहि साधू बचते नाहिं

1.    कुटिलन संग रहीम कहि साधू बचते…

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को ललचाइ न लाल के लखि ललचौंहैं नैन

1.    पट सौं पोंछि परी करौ, खरी-भयानक-भेष। Read More

कौन भाँति रहिहै बिरदु

1.    निज करनी सकुचेहिं कत सकुचावत…

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खीरा सिर तें काटिए मलियत नमक बनाय

1.    ओछो काम बड़े करैं तो न बड़ाई…

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खौरि-पनिच भृकुटी-धनुषु

1.    चलन न पावतु निगम-मगु जगु,…

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गुन ते लेत रहीम जन, सलिल कूप ते काढ़ि

1.    कोउ रहीम जनि काहु के, द्वार…

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चिरजीवौ जोरी

1.    प्रलय-करन बरषन लगे जुरि जलधर…

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जगतु जनायौ जिहिं सकलु

1.    जगतु जनायौ जिहिं सकलु, सो…

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जटित नीलमनि जगमगति

1.    लसतु सेतसारी-ढप्यौ, तरल तर्यौना…

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जातें उपजत प्रेम सोइ, बीज कहावत प्रेम

1.    स्वारथमूल अशुद्ध त्यों, शुद्ध…

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जे गरीब पर हित करैं ते रहीम बड़ लोग

1.    जे गरीब पर हित करैं ते रहीम…

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जो रहीम ओछो बढ़ै, तौ अति ही इतराय

1.    जेहि अंचल दीपक दुर्यो, हन्यो…

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जो रहीम भावी कतौं, होति आपुने हाथ

1.    करम हीन रहिमन लखो धँसो बड़े…

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जो विषया संतन तजी

1.    जैसी तुम हमसों करी, करी करो…

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झीनैं पट में झुलमुली

1.    जोग-जुगति सिखए सबै मनौ…

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तन रहीम है कर्म बस, मन राखो ओहि ओर

1.    तन रहीम है कर्म बस, मन राखो…

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तैं रहीम मन आपुनो, कीन्हों चारु चकोर

1.    तैं रहीम मन आपुनो, कीन्हों…

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थोथे बादर क्वार के ज्यों रहीम घहरात

1.    जैसी जाकी बुद्धि है तैसी कहै…

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थोरो किए बड़ेन की, बड़ी बड़ाई होय

1.    जो रहीम दीपक दसा, तिय राखत…

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दीरघ साँस न लेहि दुख

1.    नीकी दई अनाकनी, फीकी परी गुहारि। Read More

देनहार कोउ और है

1.    देनहार कोउ और है, भेजत सो…

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दोनों रहिमन एक से, जौ लौं बोलत नाहिं

1.    दुरदिन परे रहीम कहि, दुरथल…

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नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत

1.    नाद रीझि तन देत मृग, नर धन…

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निसि अंधियारी, नील पटु पहिरि

1.    निसि अंधियारी, नील पटु पहिरि,…

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नैना नैंक न मानहीं

1.    नैना नैंक न मानहीं, कितौ कह्यौ…

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पँखुरी लगी गुलाब की गात न जानी जाइ

1.    अंग अंग छबि की लपट उपटति जाति…

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प्रीतम छबि नैननि बसी पर छबि कहाँ समाय

1.    प्रीतम छबि नैननि बसी पर छबि…

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बड़े बड़ाई नहिं तजैं, लघु रहीम इतराइ

1.    बड़े बड़ाई नहिं तजैं, लघु रहीम…

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बसि कुसंग चाहत कुसल यह रहीम जिय सोस

1.    रहिमन नीच प्रसंग ते नित प्रति…

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बिगरी बात बनै नहीं लाख करौ किन कोय

1.    पावस देखि रहीम मन कोइल साधे…

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बिपति भए धन ना रहे, रहे जो लाख करोर

1.    पसरि पत्र झँपहि पितहिं, सकुचि…

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बेसरि-मोती-दुति-झलक परी

1.    बेसरि-मोती-दुति-झलक परी ओठ…

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भजन कह्यौ, तातैं भज्यौ

1.    भजन कह्यौ, तातैं भज्यौ; भज्यौ…

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भार झोंकि के भार में

1.    भजौं तो काको मैं भजौं, तजौं…

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मकराकृति गोपाल कैं

1.    बहके, सब जिय की कहत, ठौरु…

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मनि मनिक महँगे किये

1.    मनि मनिक महँगे किये, सस्तो…

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मनिसिज माली की उपज, कहि रहीम नहिं जाय

1.    मनिसिज माली की उपज, कहि रहीम…

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मान सरोवर ही मिले, हंसनि मुक्ता भोग

1.    मान सरोवर ही मिले, हंसनि मुक्ता…

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मूढ़ मंडली में सुजन, ठहरत नहीं बिसेषि

1.    मुकता कर करपूर कर, चातक जीवन…

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मेरी भव-बाधा हरौ

1.    मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि…

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मो मन मानिक लै गयो

1.    मो मन मानिक लै गयो, चितै चोर…

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रहिमन छोटे नरन सो, होत बड़ो नहीं काम

1.    रहिमन खोटी आदि की, सो परिनाम…

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रहिमन तब लगि ठहरिए, दान मान सनमान

1.    यों रहीम सुख दुख सहत, बड़े…

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रहिमन तीन प्रकार ते हिम अनहित पहीचानि

1.    रहिमन तीन प्रकार ते हिम अनहित…

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रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून

1.    रहिमन पानी राखिए बिन पानी…

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रहिमन प्रीति सराहिए मिले होत रँग दून

1.    जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन…

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रहिमन बिपदाहू भली, जो थोरे दिन होय

1.    ससि की सीतल चाँदनी, सुंदर,…

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रहिमन मारग प्रेम को, मत मतिहीन मझाव

1.    रहिमन मारग प्रेम को, मत मतिहीन…

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रहिमन या तन सूप है, लीजै जगत पछोर

1.    रहिमन या तन सूप है, लीजै जगत…

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लाल; तुम्हारे रूप की, कहौ, रीति यह कौन

1.    जसु अपजसु देखत नहीं देखत साँवल-गात। Read More

लिखन बैठि जाकी सबी

1.    डीठि न परतु समान-दुति कनकु…

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लिखी रहीम लिलार में, भई आन की आन

1.    रहिमन दुरदिन के परे, बड़ेन…

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समय परे ओछे बचन, सब के सहै रहीम

1.    रहिमन रहिला की भली, जो परसै…

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समय पाय फल होत है, समय पाय झरि जाय

1.    समय पाय फल होत है, समय पाय…

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सहसन को हय बाँधियत, लै दमरी की मेख

1.    छोटेन सो सोहैं बड़े, कहि रहीम…

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सीस-मुकुट, कटि-काछनी

1.    नाह गरजि नाहर-गरज, बोलु…

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हरि के सब आधीन, पै हरी प्रेम-आधीन

1.    हरि के सब आधीन, पै हरी प्रेम-आधीन। Read More