काव्यांश (भाषा - खड़ी बोली )

अपनी आवश्यकता का अनुचर बन गया

अपनी आवश्यकता का अनुचर बन गया
रे मनुष्य !…

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इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है

इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है,
नाव…

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उन चरणों में मुझे दो शरण

उन चरणों में मुझे दो शरण।
इस जीवन को करो हे…

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एक यही अरमान गीत बन, प्रिय, तुमको अर्पित हो जाऊँ

एक यही अरमान गीत बन, प्रिय, तुमको अर्पित हो जाऊँ। Read More

ओ जीवन की मरु मरीचिका

चिंता सर्ग-


ओ जीवन की मरु मरीचिका,…

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कहाँ तो तय था चिरागाँ हरेक घर के लिए

कहाँ तो तय था चिरागाँ हरेक घर के लिए,
कहाँ…

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कहाँ देश है ?

‘अभी और है कितनी दूर तुम्हारा प्यारा देश…

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काले-काले बादल छाये....

काले-काले बादल छाये, न आये वीर जवाहरलाल,
कैसे-कैसे…

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किनारा वह हमसे ....

किनारा वह हमसे किये जा रहे हैं।
दिखाने को…

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कुछ साहस दो तो बात कहूँ मैं मन की

कुछ साहस दो तो बात कहूँ मैं मन की।
देख तुम्हें…

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कैसे मंजर सामने आने लगे हैं

कैसे मंजर सामने आने लगे हैं,
गाते-गाते लोग…

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कौन जन्म लेता किस कुल में

‘‘मैं कहता हूँ, अगर विधाता नर को मुठ्ठी…

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क्या गाऊँ ?

क्या गाऊँ ?-माँ! क्या गाऊँ ?

गूँज रही हैं…

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खँडहर के प्रति

खँडहर ! खड़े हो तुम आज भी ?
अद्भुत अज्ञात उस…

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खोलता इधर जन्म लोचन

खोलता इधर जन्म लोचन,
मूँदती उधर मृत्यु क्षण-क्षण; Read More

गिराया है जमीं होकर...

गिराया है जमीं होकर, छुटाया आसमाँ होकर।
निकाला,…

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चर्खा चला

वेदों का चर्खा चला,
सदियाँ गुजरीं।
लोग-बाग…

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चुम्बन

लहर रही शशिकिरण चूम निर्मल यमुना-जल,
चूम सरित…

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जागो फिर एक बार

जागो फिर एक बार!

समर में अमर कर प्राण, Read More

जीवन-तरुवर

भावुकता की हरियाली में
     …

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ज्येष्ठ

ज्येष्ठ! क्रूरता-कर्कशता के ज्येष्ठ! सृष्टि के…

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दगा की

चेहरा पीला पड़ा।
रीढ़ झुकी। हाथ जोड़े।
आँख…

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दलित जन पर करो करुणा

दलित जन पर करो करुणा।
दीनता पर उतर आये Read More

दान

वासन्ती की गोद में तरुण,
सोहता स्वस्थ-मुख…

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दान

मैं प्रातः पर्यटनार्थ चला
लौटा, आ पुल पर खड़ा…

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दान

फिर देखा, उस पुल के ऊपर
बहुसंख्यक बैठे हैं…

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दिल्ली

क्या यह वही देश है-
भीमार्जुन आदि का कीर्तिक्षेत्र, Read More

दे मन का उपहार सभी को

दे मन का उपहार सभी को, ले चल मन का भार अकेले। Read More

दो बूँदें

दो बूँदें-

 

शरद का सुन्दर नीलाकाश, Read More

धूलि में तुम मुझे भर दो

धूलि में तुम मुझे भर दो।
धूलि-धूसर जो हुए…

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ध्वनि

अभी न होगा मेरा अन्त।
अभी-अभी ही तो आया है Read More

नर विभव-हेतु ललचाता है

‘‘होकर समृद्धि-सुख के अधीन,
मानव…

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नरता का आदर्श तपस्या के भीतर पलता है

नरता का आदर्श तपस्या के भीतर पलता है,
देता…

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निशा बीती, गगन का रूप दमका

निशा बीती, गगन का रूप दमका,
किनारे पर किसी…

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नूपुर के सुर मन्द रहे

नूपुर के सुर मन्द रहे,
जब न चरण स्वच्छन्द…

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पतनोन्मुख

हमारा डूब रहा दिनमान!

मास-मास दिन-दिन प्रतिपल Read More

परिवर्तन

कहाँ आज वह पूर्ण-पुरातन, वह सुवर्ण का काल ? Read More

पाटल-माल

पुण्य की है जिसको पहचान,
उसे ही पापों का अनुमान, Read More

पुष्प-गुच्छ-माला दी सबने, तुमने अपने अश्रु छिपाए

पुष्प-गुच्छ-माला दी सबने, तुमने अपने अश्रु छिपाए। Read More

प्रगल्भ प्रेम

आज नहीं है मुझे और कुछ चाह
अर्धविकच इस हृदय-कमल…

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प्राची में फैला मधुर राग

इड़ा सर्ग-

प्राची में फैला मधुर राग
जिसके…

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प्रार्थना

जीवन प्रात-समीरण-सा लघु
विचरण-निरत करो। Read More

प्रासादों के कनकाभ शिखर

‘‘मुझ-से मनुष्य जो होते हैं,
क्ंचन…

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प्रेम के प्रति

चिर-समाधि में अचिर-प्रकृति जब,
तुम अनादि तब…

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फिर तो चारों दृग आँसू चौधारे लगे बहाने

फिर तो चारों दृग आँसू चौधारे लगे बहाने। हाँ Read More

बदली जो उनकी आँखें...

बदली जो उनकी आँखें, इरादा बदल गया।
गुल जैसे…

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बहुत दिये हैं, किस किस पर तू वारेगा पर

बहुत दिये हैं, किस किस पर तू वारेगा पर, हे परवाने। Read More

बाढ़ की सम्भावनाएँ सामने हैं

बाढ़ की सम्भावनाएँ सामने हैं,
और नदियों के…

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बादल छाये

बादल छाये,
ये मेरे अपने सपने
   …

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बाहर मैं कर दिया गया हूँ

बाहर मैं कर दिया गया हूँ। भीतर, पर, भर दिया गया…

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बीती विभावरी जाग री

बीती विभावरी जाग री !
     अम्बर…

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भाव जो छलके पदों पर

भाव जो छलके पदों पर,
न हों हलके, न हों नश्वर। Read More

भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ

भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ,
आजकल…

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भेद कुल खुल जाय वह

भेद कुल खुल जाय वह सूरत हमारे दिल में है।
देश…

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मत कहो, आकाश में कुहरा घना है

मत कहो, आकाश में कुहरा घना है,
यह किसी की…

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महाभारत मही पर चल रहा है

महाभारत मही पर चल रहा है,
भुवन का भाग्य रण…

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महाराज, उद्यम से विधि का अंक उलट जाता है

क्षुद्र पात्र हो मग्न कूप में जितना जल लेता है, Read More

महाराणा का महत्त्व

महाराणा का महत्त्व-

 

करि-कर-सम…

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मेरी तो हर साँस मुखर है, प्रिय, तेरे सब मौन सँदेसे

मेरी तो हर साँस मुखर है, प्रिय, तेरे सब मौन सँदेसे। Read More

यज्ञ समाप्त हो चुका तो भी

कर्म सर्ग-

 

यज्ञ समाप्त हो चुका…

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यमुना के प्रति

स्वप्नों-सी उन किन आँखों की
पल्लव छाया में…

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याचना नहीं, अब रण होगा

‘‘हित-वचन नहीं तूने माना,
मैत्री…

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ये रोशनी है हकीकत में एक छल लोगो

ये रोशनी है हकीकत में एक छल लोगो,
कि जैसे…

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ये सारा जिस्म झुककर बोझ से दुहरा हुआ होगा

ये सारा जिस्म झुककर बोझ से दुहरा हुआ होगा,
मैं…

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राजे ने अपनी रखवाली की

राजे ने अपनी रखवाली की;
किला बनाकर रहा; Read More

राधेय सान्ध्य पूजन में ध्यान लगाये

राधेय सान्ध्य पूजन में ध्यान लगाये,
था खड़ा…

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रोज जब रात को बारह का गजर होता है

रोज जब रात को बारह का गजर होता है,
यातनाओं…

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वसुधा का नेता कौन हुआ

वसुधा का नेता कौन हुआ?
भूखण्ड-विजेता कौन हुआ? Read More

वीणावादिनी

तव भक्त भ्रमरों को हृदय में लिये वह शतदल विमल Read More

वो निगाहें सलीब हैं

वो निगाहें सलीब हैं,
हम बहुत बदनसीब हैं।

 

आइए…

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सच है

यह सच है:-
तुमने जो दिया दान दान वह,
हिन्दी…

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सच है, विपत्ति जब आती है

सच है, विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती…

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सन्तप्त

अपने अतीत का ध्यान
करता मैं गाता था गाने भूले…

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सरिता देती वारि कि पाकर उसे सुपूरित घन हो

सरिता देती वारि कि पाकर उसे सुपूरित घन हो,
बरसे…

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स्नेह-निर्झर बह गया है

स्नेह-निर्झर बह गया है।
रेत ज्यों तन रह गया…

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हार-जीत क्या चीज? वीरता की पहचान समर है

देवराज! हम जिसे जीत सकते न बाहु के बल से,
क्या…

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हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय…

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