काव्यांश (कवि - हरिवंशराय बच्चन)

एक यही अरमान गीत बन, प्रिय, तुमको अर्पित हो जाऊँ

एक यही अरमान गीत बन, प्रिय, तुमको अर्पित हो जाऊँ। Read More

कुछ साहस दो तो बात कहूँ मैं मन की

कुछ साहस दो तो बात कहूँ मैं मन की।
देख तुम्हें…

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जीवन-तरुवर

भावुकता की हरियाली में
     …

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दे मन का उपहार सभी को

दे मन का उपहार सभी को, ले चल मन का भार अकेले। Read More

पाटल-माल

पुण्य की है जिसको पहचान,
उसे ही पापों का अनुमान, Read More

पुष्प-गुच्छ-माला दी सबने, तुमने अपने अश्रु छिपाए

पुष्प-गुच्छ-माला दी सबने, तुमने अपने अश्रु छिपाए। Read More

बहुत दिये हैं, किस किस पर तू वारेगा पर

बहुत दिये हैं, किस किस पर तू वारेगा पर, हे परवाने। Read More

मेरी तो हर साँस मुखर है, प्रिय, तेरे सब मौन सँदेसे

मेरी तो हर साँस मुखर है, प्रिय, तेरे सब मौन सँदेसे। Read More