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एक यही अरमान गीत बन, प्रिय, तुमको अर्पित हो जाऊँ। Read More
कुछ साहस दो तो बात कहूँ मैं मन की।देख तुम्हें…
भावुकता की हरियाली में …
दे मन का उपहार सभी को, ले चल मन का भार अकेले। Read More
पुण्य की है जिसको पहचान,उसे ही पापों का अनुमान, Read More
पुष्प-गुच्छ-माला दी सबने, तुमने अपने अश्रु छिपाए। Read More
बहुत दिये हैं, किस किस पर तू वारेगा पर, हे परवाने। Read More
मेरी तो हर साँस मुखर है, प्रिय, तेरे सब मौन सँदेसे। Read More