काव्यांश (छंद - सवैया)

अकुलानि के पानि पर्यौ दिनराति

अकुलानि के पानि पर्यौ दिनराति सु ज्यौ छिनकौ न कहूँ…

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अति सूधो सनेह को मारग है

अति सूधो सनेह को मारग है जहाँ नैकु सयानप बाँक नहीं। Read More

अन्तर आँच उसास तचै

अन्तर आँच उसास तचै अति अंग उसीजै उदेग की आवस। Read More

अवधेस के द्वारे सकारें गइ

अवधेस के द्वारे सकारें गइ सुत गोद कै भूपति लै निकसे। Read More

आज भटू इक गोपवधू

आज भटू इक गोपवधू भई बावरी नेकु न अंग सम्हारै। Read More

आजु गई हुती भोरही हौं

आजु गई हुती भोरही हौं रसखानि रई कहि नन्द के भौंनहिं। Read More

आवत हौ रस के चसके तुम जानत हौ रस होत कहा हो

आवत हौ रस के चसके तुम जानत हौ रस होत कहा हो। Read More

इत बाँट परी सुधि

इत बाँट परी सुधि, रावरे भूलनि कैंसे उराहनो दीजियै…

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इत भायनि भाँवरे भौंर भरै

इत भायनि भाँवरे भौंर भरै उत चायनि चाहि चकोर चकैं। Read More

कंत रमैं उर अंतर में

कंत रमैं उर अंतर में सु लहै नहीं क्यौं सुखरासि…

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कबहूँ ससि मागत आरि करैं

कबहूँ ससि मागत आरि करैं कबहूँ प्रतिबिंब निहारि…

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कल कानन कुण्डल मोरपखा

कल कानन कुण्डल मोरपखा उर पैं बनमाल बिराजति है। Read More

कागर कीर ज्यों भूषन-चीर

कागर कीर ज्यों भूषन-चीर सरीरु लस्यो तजि नीरु ज्यों…

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कानन दै अँगुरी रहिबो

कानन दै अँगुरी रहिबो जबहीं मुरली धुनि मन्द बजैहै। Read More

कान्ह भए बस बाँसुरी के

कान्ह भए बस बाँसुरी के अब कौन सखी हमकों चहिहै। Read More

कीर के कागर ज्यों नृपचीर

कीर के कागर ज्यों नृपचीर, बिभूषन उप्पम अंगनि पाई। Read More

कुंभकरन्नु हन्यो रन राम

कुंभकरन्नु हन्यो रन राम दल्यो दसकंधरु कंधर तोरे। Read More

कौन ठगौरी भरी हरि आजु

कौन ठगौरी भरी हरि आजु बजाई है बाँसुरिया रंग भीनी। Read More

क्यों हँसि हेरि हर्यो हियरा

क्यों हँसि हेरि हर्यो हियरा अरु क्यौं हित कै चित…

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खंजन नैन फँसे पिंजरा

खंजन नैन फँसे पिंजरा छवि नाहि रहै थिर कैसहूँ माई। Read More

खेलत फाग सुहाग भरी

खेलत फाग सुहाग भरी अनुरागहिं लालन कों धरि कै। Read More

खोय दई बुधि सोय गई सुधि

खोय दई बुधि सोय गई सुधि रोय हँसे उनमाद जग्यो है। Read More

गहि मंदर बंदर-भालु चले

गहि मंदर बंदर-भालु चले, सो मनो उनये घन सावनके। Read More

घनआनँद जीवनमूल सुजान

घनआनँद जीवनमूल सुजान की कौंधनहूँ न कहूँ दरसै। Read More

घर ही घर चौचँद-चाँचरि दै

घर ही घर चौचँद-चाँचरि दै बहु भाँतिन रंग रचाय रह्यौ। Read More

चंद चकोर की चाह करै

चंद चकोर की चाह करै घनआनँद स्वाति पपीहा कौं धावै। Read More

छछिया भरि छाछ पै नाच नचावत

गावैं गुनी गनिका गन्धर्ब औ सारद सेस सबै गुन गावत। Read More

छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं

सेस गनेस महेस दिनेस सुरेसहु जाहि निरन्तर गावैं। Read More

छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं

शंकर से सुर जाहि भजैं चतुरानन ध्यान में धर्म बढ़ावैं। Read More

छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं

लाय समाधि रहे बरम्हादिक जोगी भये पर अन्त न पावैं। Read More

छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं

गुंज गरें सिर मोरपखा अरु चाल गयंद की मो मन भावै। Read More

जा दिन तें निरख्यो नन्दनन्दन

जा दिन तें निरख्यो नन्दनन्दन कानि तजी घर बन्धन…

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जा दिन तें वह नन्द को छोहरो

जा दिन तें वह नन्द को छोहरो या बन धेनु चराइ गयो…

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जान के रूप लुभाय के नैननि

जान के रूप लुभाय के नैननि बेंचि करी अधबीच ही लौंडी। Read More

जे रजनीचर बीर बिसाल

जे रजनीचर बीर बिसाल, कराल बिलोकत काल न खाए। Read More

जो दससीसु महीधर ईसको

जो दससीसु महीधर ईसको बीस भुजा खुलि खेलनिहारो। Read More

झलकै अति सुन्दर आनन गौर

झलकै अति सुन्दर आनन गौर, छके दृग राजत काननि छ्वै। Read More

ठाढ़े हैं नवद्रुमडार गहें

ठाढ़े हैं नवद्रुमडार गहें, धनु काँधें धरें, कर सायकु…

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तन की दुति स्याम सरोरुह

तन की दुति स्याम सरोरुह लोचन कंज की मंजुलताई हरैं। Read More

तब तौ छबि पीवत जीवत हे

तब तौ छबि पीवत जीवत हे, अब सोचन लोचन जात जरे। Read More

तीखे तुरंग कुरंग सुरंगनि साजि

तीखे तुरंग कुरंग सुरंगनि साजि चढ़े छँटि छैल छबीले। Read More

दूलह श्रीरघुनाथ बने

दूलह श्रीरघुनाथ बने दुलही सिय सुंदर मंदिर माहीं। Read More

धरि धीर कहैं, चलु, देखिअ जाइ

धरि धीर कहैं, चलु, देखिअ जाइ, जहाँ सजनी ! रजनी…

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धूर भरे अति शोभित स्याम जू

धूर भरे अति शोभित स्याम जू तैसी बनी सिर सुन्दर…

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निसि-द्यौस खरी उर-माँझ अरी

निसि-द्यौस खरी उर-माँझ अरी, छबि रंग-भरी मुरि चाहनि…

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नेह-निधान सुजान-समीप

नेह-निधान सुजान-समीप तौ सींचति ही हियरा सियराई। Read More

नैन लख्यो जब कुंजन तें

नैन लख्यो जब कुंजन तें वन तें निकस्यो अँटक्यो मटक्यो…

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नौ लख गाय सुनी हम नन्द के तापर दूध दही न अघाने

नौ लख गाय सुनी हम नन्द के तापर दूध दही न अघाने। Read More

पग नूपुर औ पहुँची करकंजनि

पग नूपुर औ पहुँची करकंजनि मंजु बनी मनिमाल हिएँ। Read More

पद कोमल, स्यामल-गौर कलेवर

पद कोमल, स्यामल-गौर कलेवर राजत कोटि मनोज लजाएँ। Read More

पदकंजनि मंजु बनीं पनहीं

पदकंजनि मंजु बनीं पनहीं धनुहीं सर पंकज-पानि लिएँ। Read More

पहिलें घनआनँद सींचि सुजान

पहिलें घनआनँद सींचि सुजान कहीं बतियाँ अति प्यार…

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पाप के पुंज सकेलि सु कौन

पाप के पुंज सकेलि सु कौन धौं आन घरी मैं बिरंचि…

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पुरतें निकसी रघुबीरबधू

पुरतें निकसी रघुबीरबधू धरि धीर दए मगमें डग द्वै। Read More

प्रेम सों पीछें तिरीछें

प्रेम सों पीछें तिरीछें प्रियाहि चितै चितु दै चले…

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फागुन लाग्यो सखी जब तें

फागुन लाग्यो सखी जब तें तब तें ब्रजमंडल धूम मच्यो…

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बंक बिलोकनि है दुखमोचन

बंक बिलोकनि है दुखमोचन दीरघ लोचन रंग भरे हैं। Read More

बजी है बजी रसखानि बजी

बजी है बजी रसखानि बजी सुनिकै अब गोपकुमारि न जीहै। Read More

बधिकौ सुधि लेत सुन्यौ हति कै

बधिकौ सुधि लेत सुन्यौ हति कै गति रावरी क्यौंहूँ…

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बर दंतकी पंगति कुंदकली

बर दंतकी पंगति कुंदकली अधराधर-पल्लव खोलन की। Read More

बिंधिके बासी उदासी तपी

बिंधिके बासी उदासी तपी ब्रतधारी महा बिनु नारि दुखारे। Read More

बिरहा-रबि सौं घट-ब्योम तच्यो

बिरहा-रबि सौं घट-ब्योम तच्यो बिजुरी सी खिबैं इकली…

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भोर ते साँझ लौ कानन ओर

भोर ते साँझ लौ कानन ओर निहारति बावरो नेकु न हारति। Read More

भौंह भरी बरुनी सुथरी

भौंह भरी बरुनी सुथरी अतिसै अधरानि रंगी रंग रातौ। Read More

मकराकृत कुंडल गुंज की माल

मकराकृत कुंडल गुंज की माल वे लाल लसैं पग पाँवरिया। Read More

मानुष हौं तो वही रसखानि

मानुष हौं तो वही रसखानि बसौं ब्रज गोकुल गाँव के…

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मीत सुजान अनीत करौ जिन

मीत सुजान अनीत करौ जिन, हाहा न हूजियै मोहि अमोही। Read More

मुखपंकज, कंजबिलोचन मंजु

मुखपंकज, कंजबिलोचन मंजु, मनोज-सरासन-सी बनीं भौंहैं। Read More

मैन मनोहर बैन बजै

मैन मनोहर बैन बजै सु सजे तन सोहत पीत पटा है। Read More

मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं

मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं गुंज की माल गरें पहिरौंगी। Read More

या लकुटी अरु कामरिया

या लकुटी अरु कामरिया पर राज तिहूँ पुर को तजि डारौं। Read More

रंग लियौ अबलानि के अंग तें

रंग लियौ अबलानि के अंग तें च्वाय कियौ चितचैन को…

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रजनीचर-मत्तगयंद-घटा

रजनीचर-मत्तगयंद-घटा बिघटै मृगराजके साज लरै। Read More

राम सरासन तें चले

राम सरासन तें चले तीर रहे न सरीर हड़ावरि फूटीं। Read More

रावरे रूप की रीति अनूप

रावरे रूप की रीति अनूप, नयो नयो लागत ज्यौं ज्यौं…

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लोक की लाज तजी तबहीं

लोक की लाज तजी तबहीं जब देख्यो सखी ब्रजचन्द सलोनो। Read More

वा मुसकान पै प्रान दियो

वा मुसकान पै प्रान दियो जिय जान दियो वह तान पै…

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सर चारिक चारु बनाइ कसें कटि

सर चारिक चारु बनाइ कसें कटि, पानि सरासनु सायकु…

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सर-तोमर सेलसमूह पँवारत

सर-तोमर सेलसमूह पँवारत, मारत बीर निसाचरके।
इत…

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सरजू बर तीरहिं तीर फिरैं रघुबीर

सरजू बर तीरहिं तीर फिरैं रघुबीर सखा अरु बीर सबै। Read More

साँवरे-गोरे सलोने सुभायँ

साँवरे-गोरे सलोने सुभायँ, मनोहरताँ जिति मैनु लियो…

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सीस जटा, उर-बाहु बिसाल

सीस जटा, उर-बाहु बिसाल, बिलोचन लाल, तिरीछी-सी भौंहैं। Read More

सुनि री सजनी रजनी की कथा

सुनि री सजनी रजनी की कथा इन नैन-चकोरन ज्यौं बितई। Read More

सुनिकै यह बात हियें गुनि कै तब बोलि उठि बृषभान-लली

सुनिकै यह बात हियें गुनि कै तब बोलि उठि बृषभान-लली। Read More

सूर सँजोइल साजि सुबाजि

सूर सँजोइल साजि सुबाजि, सुसेल धरैं बगमेल चले हैं। Read More

सेस सुरेस दिनेस गनेस

सेस सुरेस दिनेस गनेस प्रजेस धनेस महेस मनाओ। Read More

सोंधे की बास उसासहि रोकति

सोंधे की बास उसासहि रोकति चंदन दाहक गाहक जी को। Read More

सोहत है चँदवा सिर मौर

सोहत है चँदवा सिर मौर के जैसियै सुन्दर पाग कसी…

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हीन भए जल मीन अधीन

हीन भए जल मीन अधीन कहा कछु मो अकुलानि समाने। Read More