दूलह श्रीरघुनाथ बने
पीछेदूलह श्रीरघुनाथ बने दुलही सिय सुंदर मंदिर माहीं।
गावति गीत सबै मिलि सुंदरि बेद जुवा जुरि बिप्र पढ़ाहीं।।
रामको रूपु निहारति जानकी कंकनके नगकी परछाहीं।
यातैं सबै सुधि भूलि गई कर टेकि रही पल टारत नाहीं।।
दूलह श्रीरघुनाथ बने दुलही सिय सुंदर मंदिर माहीं।
गावति गीत सबै मिलि सुंदरि बेद जुवा जुरि बिप्र पढ़ाहीं।।
रामको रूपु निहारति जानकी कंकनके नगकी परछाहीं।
यातैं सबै सुधि भूलि गई कर टेकि रही पल टारत नाहीं।।