काव्यांश (कवि - गोस्वामी तुलसीदास)

अंग-अंग दलित ललित

अंग-अंग दलित ललित फूले किंसुक-से
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अवधेस के द्वारे सकारें गइ

अवधेस के द्वारे सकारें गइ सुत गोद कै भूपति लै निकसे। Read More

आगें सोहै साँवरो कुँवरु गोरो पाछें-पाछें

आगें सोहै साँवरो कुँवरु गोरो पाछें-पाछें,
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ईस-सीस बससि

ईस-सीस बससि, त्रिपथ लससि, नभ-पताल-धरनि।
सुर-नर-मुनि-नाग-सिद्ध-सुजन…

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ओझरी की झोरी काँधें आँतनिकी सेल्ही बाँधें

ओझरी की झोरी काँधें आँतनिकी सेल्ही बाँधें,
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कतहुँ बिटप-भूधर उपारि परसेन बरष्षत

कतहुँ बिटप-भूधर उपारि परसेन बरष्षत।
कतहुँ…

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कबहूँ ससि मागत आरि करैं

कबहूँ ससि मागत आरि करैं कबहूँ प्रतिबिंब निहारि…

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कस न दीनपर द्रवहु उमाबर

कस न दीनपर द्रवहु उमाबर। दारुन बिपति हरन करुनाकर।। Read More

कागर कीर ज्यों भूषन-चीर

कागर कीर ज्यों भूषन-चीर सरीरु लस्यो तजि नीरु ज्यों…

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कीर के कागर ज्यों नृपचीर

कीर के कागर ज्यों नृपचीर, बिभूषन उप्पम अंगनि पाई। Read More

कुंभकरन्नु हन्यो रन राम

कुंभकरन्नु हन्यो रन राम दल्यो दसकंधरु कंधर तोरे। Read More

को जाँचिये संभु तजि आन

को जाँचिये संभु तजि आन।
दीनदयालु भगत-आरति-हर,…

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को बड़ छोट कहत अपराधू

बालकाण्ड-

को बड़ छोट कहत अपराधू । सुनि गुन…

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गहि मंदर बंदर-भालु चले

गहि मंदर बंदर-भालु चले, सो मनो उनये घन सावनके। Read More

गाइये गनपति जगबंदन

गाइये गनपति जगबंदन। संकर-सुवन भवानी-नंदन।।
सिद्धि-सदन,…

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जय जय भगीरथनन्दिनि

जय जय भगीरथनन्दिनि, मुनि-चय चकोर-चन्दिनि,
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जलको गए लक्खनु

जलको गए लक्खनु, हैं लरिका
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जाके गति है हनुमानकी

जाके गति है हनुमानकी।
ताकी पैज पूजि आई, यह…

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जाँचिये गिरिजापति कासी

जाँचिये गिरिजापति कासी। जासु भवन अनिमादिक दासी।। Read More

जे रजनीचर बीर बिसाल

जे रजनीचर बीर बिसाल, कराल बिलोकत काल न खाए। Read More

जो दससीसु महीधर ईसको

जो दससीसु महीधर ईसको बीस भुजा खुलि खेलनिहारो। Read More

जौं अपने अवगुन सब कहऊँ

बालकाण्ड-

जौं अपने अवगुन सब कहऊँ । बाढ़इ कथा…

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जौं अहि सेज सयन हरि करहीं

बालकाण्ड-

जौं अहि सेज सयन हरि करहीं । बुध…

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ठाढ़े हैं नवद्रुमडार गहें

ठाढ़े हैं नवद्रुमडार गहें, धनु काँधें धरें, कर सायकु…

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तन की दुति स्याम सरोरुह

तन की दुति स्याम सरोरुह लोचन कंज की मंजुलताई हरैं। Read More

तीखे तुरंग कुरंग सुरंगनि साजि

तीखे तुरंग कुरंग सुरंगनि साजि चढ़े छँटि छैल छबीले। Read More

दानी कहुँ संकर-सम नाहीं

दानी कहुँ संकर-सम नाहीं।
दीन-दयालु दिबोई भावै,…

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दूलह श्रीरघुनाथ बने

दूलह श्रीरघुनाथ बने दुलही सिय सुंदर मंदिर माहीं। Read More

देखो देखो, बन बन्यो आजु उमाकंत

देखो देखो, बन बन्यो आजु उमाकंत। मानों देखन तुमहिं…

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धरि धीर कहैं, चलु, देखिअ जाइ

धरि धीर कहैं, चलु, देखिअ जाइ, जहाँ सजनी ! रजनी…

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पग नूपुर औ पहुँची करकंजनि

पग नूपुर औ पहुँची करकंजनि मंजु बनी मनिमाल हिएँ। Read More

पद कोमल, स्यामल-गौर कलेवर

पद कोमल, स्यामल-गौर कलेवर राजत कोटि मनोज लजाएँ। Read More

पदकंजनि मंजु बनीं पनहीं

पदकंजनि मंजु बनीं पनहीं धनुहीं सर पंकज-पानि लिएँ। Read More

पुरतें निकसी रघुबीरबधू

पुरतें निकसी रघुबीरबधू धरि धीर दए मगमें डग द्वै। Read More

प्रेम सों पीछें तिरीछें

प्रेम सों पीछें तिरीछें प्रियाहि चितै चितु दै चले…

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बंदउँ नाम राम रघुबर को

बालकाण्ड-

बंदउँ नाम राम रघुबर को। हेतु कृसानु…

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बर दंतकी पंगति कुंदकली

बर दंतकी पंगति कुंदकली अधराधर-पल्लव खोलन की। Read More

बावरो रावरो नाह भवानी

बावरो रावरो नाह भवानी।
दानि बड़ो दिन देत दये…

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बिंधिके बासी उदासी तपी

बिंधिके बासी उदासी तपी ब्रतधारी महा बिनु नारि दुखारे। Read More

भनिति बिचित्र सुकबि कृत जोऊ

बालकाण्ड-

भनिति बिचित्र सुकबि कृत जोऊ। राम…

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मुखपंकज, कंजबिलोचन मंजु

मुखपंकज, कंजबिलोचन मंजु, मनोज-सरासन-सी बनीं भौंहैं। Read More

रजनीचर-मत्तगयंद-घटा

रजनीचर-मत्तगयंद-घटा बिघटै मृगराजके साज लरै। Read More

राम नाम कर अमित प्रभावा

बालकाण्ड-

राम नाम कर अमित प्रभावा । संत पुरान…

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राम सरासन तें चले

राम सरासन तें चले तीर रहे न सरीर हड़ावरि फूटीं। Read More

सब सोच-बिमोचन चित्रकूट

सब सोच-बिमोचन चित्रकूट। कलिहरन, करन कल्यान बूट।। Read More

सर चारिक चारु बनाइ कसें कटि

सर चारिक चारु बनाइ कसें कटि, पानि सरासनु सायकु…

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सर-तोमर सेलसमूह पँवारत

सर-तोमर सेलसमूह पँवारत, मारत बीर निसाचरके।
इत…

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सरजू बर तीरहिं तीर फिरैं रघुबीर

सरजू बर तीरहिं तीर फिरैं रघुबीर सखा अरु बीर सबै। Read More

साँवरे-गोरे सलोने सुभायँ

साँवरे-गोरे सलोने सुभायँ, मनोहरताँ जिति मैनु लियो…

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सिव ! सिव ! होइ प्रसन्न करु दाया

सिव ! सिव ! होइ प्रसन्न करु दाया।
करुनामय…

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सीस जटा, उर-बाहु बिसाल

सीस जटा, उर-बाहु बिसाल, बिलोचन लाल, तिरीछी-सी भौंहैं। Read More

सूर सँजोइल साजि सुबाजि

सूर सँजोइल साजि सुबाजि, सुसेल धरैं बगमेल चले हैं। Read More

सेइअ सहित सनेह देह भरि, कामधेनु कलि कासी

सेइअ सहित सनेह देह भरि, कामधेनु कलि कासी।
समनि…

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सेवहु सिव-चरन-सरोज-रेनु

सेवहु सिव-चरन-सरोज-रेनु। कल्यान-अखिल-प्रद कामधेनु।। Read More

हरनि पाप त्रिबिध ताप

हरनि पाप त्रिबिध ताप सुमिरत सुरसरित।
बिलसति…

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