काव्यांश (विषय - नारी सौन्दर्य)

 पाइ महावर दैंन कौं

1.    पाइ महावर दैंन कौं नाइनि बैठी…

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अंग-अंग-नग जगमगत

1.    सायक-सम मायक नयन, रँगे बिबिध…

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अधर सुरंग अमिअ रस भरे

नखशिख खण्ड-

अधर सुरंग अमिअ रस भरे। बिंब सुरंग…

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अपने अंग के जानि कै

1.    अपने अंग के जानि कै जोबन-नृपति…

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उपमा एक न नैन गही

उपमा एक न नैन गही।
कबिजन कहत चलि आए सुधि करि…

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कहत सबै, बेंदी दियैं

1.    दियौ अरघु, नीचैं चलौ, संकटु…

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कहौं लिलाट दुइजि कै जोती

नखशिख खण्ड-

कहौं लिलाट दुइजि कै जोती। दुइजिहि…

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का सिंगार ओहि बरनौं राजा

नखशिख खण्ड-

का सिंगार ओहि बरनौं राजा। ओहिक…

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खौरि-पनिच भृकुटी-धनुषु

1.    चलन न पावतु निगम-मगु जगु,…

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छबि को सदन मोद मंडित बदन-चंद

छबि को सदन मोद मंडित बदन-चंद
   …

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जटित नीलमनि जगमगति

1.    लसतु सेतसारी-ढप्यौ, तरल तर्यौना…

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झलकै अति सुन्दर आनन गौर

झलकै अति सुन्दर आनन गौर, छके दृग राजत काननि छ्वै। Read More

झीनैं पट में झुलमुली

1.    जोग-जुगति सिखए सबै मनौ…

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दसन चौक बैठे जनु हीरा

नखशिख खण्ड-

दसन चौक बैठे जनु हीरा। औ बिच…

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धरीं तीर सब छीपक सारीं

मानसरोदक खण्ड-

धरीं तीर सब छीपक सारीं। सरवर…

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नासिक खरग देऊँ कहि जोगू

नखशिख खण्ड-

नासिक खरग देऊँ कहि जोगू। खरग…

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निसि अंधियारी, नील पटु पहिरि

1.    निसि अंधियारी, नील पटु पहिरि,…

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नैन जो देखे कंवल भए निरमर नीर सरीर

मानसरोदक खण्ड-

कहा मानसर चहा सो पाई। पारस…

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नैन बाँक सरि पूजि न कोऊ

नखशिख खण्ड-

नैन बाँक सरि पूजि न कोऊ। मान…

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पँखुरी लगी गुलाब की गात न जानी जाइ

1.    अंग अंग छबि की लपट उपटति जाति…

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बरनौं गीवँ  कूँज कै रीसी

नखशिख खण्ड-

बरनौं गीवँ  कूँज कै रीसी।…

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बरनौं माँग सीस उपराहीं

नखशिख खण्ड-

बरनौं माँग सीस उपराहीं। सेंदुर…

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बरुनी का बरनौं इमि बनी

नखशिख खण्ड-

बरुनी का बरनौं इमि बनी। साँधे…

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बेसरि-मोती-दुति-झलक परी

1.    बेसरि-मोती-दुति-झलक परी ओठ…

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भइ ओनंत पदुमावति बारी

जन्म खण्ड-

भइ ओनंत पदुमावति बारी। धज घोरैं…

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भए दस मास पूरि भै घरी

जन्म खण्ड-

भए दस मास पूरि भै घरी। पदुमावति…

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भौंहैं स्याम धनुकु जनु ताना

नखशिख खण्ड-

भौंहैं स्याम धनुकु जनु ताना।…

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रसना कहौं जो कह रस बाता

नखशिख खण्ड-

रसना कहौं जो कह रस बाता। अँब्रित…

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रावरे रूप की रीति अनूप

रावरे रूप की रीति अनूप, नयो नयो लागत ज्यौं ज्यौं…

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लाजनि लपेटि चितवनि भेद-भाय भरी

लाजनि लपेटि चितवनि भेद-भाय भरी
   …

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लिखन बैठि जाकी सबी

1.    डीठि न परतु समान-दुति कनकु…

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वहै मुसक्यानि, वहै मृदु बतरानि

वहै मुसक्यानि, वहै मृदु बतरानि, वहै
 …

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सरवर तीर पदुमिनीं आईं

मानसरोदक खण्ड-

सरवर तीर पदुमिनीं आईं। खौपा…

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हिया थार कुच कंचन लाडू

नखशिख खण्ड-

हिया थार कुच कंचन लाडू। कनक कचोर…

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