आप एक सदस्य के रूप में हिंदी साहित्य कोष का हिस्सा बनें
1. पाइ महावर दैंन कौं नाइनि बैठी…
1. लगी अनलगी सी जु बिधि करी खरी…
1. सायक-सम मायक नयन, रँगे बिबिध…
1. अधर धरत हरि कैं, परत ओठ-डीठि-पट-जोति। Read More
1. अपने अंग के जानि कै जोबन-नृपति…
1. कंचनतन-धन-बरन बर रह्यौ रंगु…
1. अहे, दहेंड़ी जिनि धरै, जिनि…
1. ऊँचै चितै सराहियतु गिरह कबूतरु…
1. कब कौ टेरतु दीन रट, होत न…
1. भृकुटी-मटकनि, पीतपट-चटक, लटकती…
1. दियौ अरघु, नीचैं चलौ, संकटु…
1. कुटिल अलक छुटि परत मुख बढ़िगौ…
1. पट सौं पोंछि परी करौ, खरी-भयानक-भेष। Read More
1. निज करनी सकुचेहिं कत सकुचावत…
1. चलन न पावतु निगम-मगु जगु,…
1. छुटे छुटावत जगत तैं सटकारे,…
1. प्रलय-करन बरषन लगे जुरि जलधर…
1. नैंकौ उहिं न जुदी करी, हरषि…
1. जगतु जनायौ जिहिं सकलु, सो…
1. लसतु सेतसारी-ढप्यौ, तरल तर्यौना…
1. जेति संपति कृपन कैं, तेती…
1. जौ न जुगति पिय मिलन की, धूरि…
1. जोग-जुगति सिखए सबै मनौ…
1. नेहु न, नैननु कौं कछू उपजी…
1. नीकी दई अनाकनी, फीकी परी गुहारि। Read More
1. हितु करि तुम पठयौ, लगैं वा…
1. निसि अंधियारी, नील पटु पहिरि,…
1. नैना नैंक न मानहीं, कितौ कह्यौ…
1. अंग अंग छबि की लपट उपटति जाति…
1. पहिरत हीं गोरैं गरैं यौं दौरी…
1. बेसरि-मोती-दुति-झलक परी ओठ…
1. भजन कह्यौ, तातैं भज्यौ; भज्यौ…
1. बहके, सब जिय की कहत, ठौरु…
1. मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि…
1. जसु अपजसु देखत नहीं देखत साँवल-गात। Read More
1. डीठि न परतु समान-दुति कनकु…
1. नाह गरजि नाहर-गरज, बोलु…
1. स्वेद-सलिलु, रोमांच-कुसु गहि…