आप एक सदस्य के रूप में हिंदी साहित्य कोष का हिस्सा बनें
अन्त तें न आयो याही गाँवरे को जायो, …
आई खेलि होरी ब्रजगोरी वा किसोरी संग …
आज भटू इक गोपवधू भई बावरी नेकु न अंग सम्हारै। Read More
आजु गई हुती भोरही हौं रसखानि रई कहि नन्द के भौंनहिं। Read More
एरी आजु काल्हि सब लोक लाज त्यागि दोऊ …
कल कानन कुण्डल मोरपखा उर पैं बनमाल बिराजति है। Read More
कहा रसखानि सुखसंपति सुमार कहा, …
कानन दै अँगुरी रहिबो जबहीं मुरली धुनि मन्द बजैहै। Read More
कान्ह भए बस बाँसुरी के अब कौन सखी हमकों चहिहै। Read More
कौन ठगौरी भरी हरि आजु बजाई है बाँसुरिया रंग भीनी। Read More
खंजन नैन फँसे पिंजरा छवि नाहि रहै थिर कैसहूँ माई। Read More
खेलत फाग सुहाग भरी अनुरागहिं लालन कों धरि कै। Read More
गोकुल को ग्वाल काल्हि चौमुँह की ग्वालिन सौं Read More
गोरज बिराजै भाल लहलही बनमाल …
गावैं गुनी गनिका गन्धर्ब औ सारद सेस सबै गुन गावत। Read More
सेस गनेस महेस दिनेस सुरेसहु जाहि निरन्तर गावैं। Read More
शंकर से सुर जाहि भजैं चतुरानन ध्यान में धर्म बढ़ावैं। Read More
लाय समाधि रहे बरम्हादिक जोगी भये पर अन्त न पावैं। Read More
गुंज गरें सिर मोरपखा अरु चाल गयंद की मो मन भावै। Read More
छूट्यौ गृह काज लोक लाज मनमोहन कै …
जल की न घट भरैं मग की न पग धरैं …
जा दिन तें निरख्यो नन्दनन्दन कानि तजी घर बन्धन…
जा दिन तें वह नन्द को छोहरो या बन धेनु चराइ गयो…
धूर भरे अति शोभित स्याम जू तैसी बनी सिर सुन्दर…
नैन लख्यो जब कुंजन तें वन तें निकस्यो अँटक्यो मटक्यो…
फागुन लाग्यो सखी जब तें तब तें ब्रजमंडल धूम मच्यो…
बंक बिलोकनि है दुखमोचन दीरघ लोचन रंग भरे हैं। Read More
बजी है बजी रसखानि बजी सुनिकै अब गोपकुमारि न जीहै। Read More
ब्याही अनब्याही ब्रजमाहीं सब चाही तासों …
भौंह भरी बरुनी सुथरी अतिसै अधरानि रंगी रंग रातौ। Read More
मकराकृत कुंडल गुंज की माल वे लाल लसैं पग पाँवरिया। Read More
मानुष हौं तो वही रसखानि बसौं ब्रज गोकुल गाँव के…
मैन मनोहर बैन बजै सु सजे तन सोहत पीत पटा है। Read More
1. मो मन मानिक लै गयो, चितै चोर…
मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं गुंज की माल गरें पहिरौंगी। Read More
या लकुटी अरु कामरिया पर राज तिहूँ पुर को तजि डारौं। Read More
लोक की लाज तजी तबहीं जब देख्यो सखी ब्रजचन्द सलोनो। Read More
वा मुसकान पै प्रान दियो जिय जान दियो वह तान पै…
संभु धरै ध्यान जाको जपत जहान सब …
सेस सुरेस दिनेस गनेस प्रजेस धनेस महेस मनाओ। Read More
सोहत है चँदवा सिर मौर के जैसियै सुन्दर पाग कसी…