काव्यांश (विषय - ईश्वर भक्ति)

 कमला थिर न रहीम कहि

1.    अमर बेलि बिनु मूल की, प्रतिपालत…

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 गहि सरनागति राम की

1.    कागद को सो पूतरा, सहजहि मैं…

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 धूर धरत नित सीस पै

1.    दिव्य दीनता के रसहिं, का जाने…

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 रहिमन बहु भेषज करत

1.    रहिमन धोखे भाव से, मुख से…

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 राम नाम जान्यो नहीं

1.    रहिमन सुधि सबतें भली, लगै…

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अब मैं पाइबो रे पाइबो ब्रह्म गियान

अब मैं पाइबो रे पाइबो ब्रह्म गियान।
सहज समाधें…

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अब मोहि ले चल नणद के बीर अपने देसा

अब मोहि ले चल नणद के बीर अपने देसा।
इन पंचनि…

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एक अचंभा देखिया बिटिया जायौ बाप

चरखा जिनि जरे। कतौंगी हजरी का सूत नण्नद के भइया…

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एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय

1.    एकै साधे सब सधै, सब साधे सब…

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कब कौ टेरतु दीन रट

1.    कब कौ टेरतु दीन रट, होत न…

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गोकुल नाइक बीठुला मेरौ मन लागौ

गोकुल नाइक बीठुला मेरौ मन लागौ तोहि रे।
बहुतक…

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जम थैं उलटि भये हैं राम

अब हम सकल कुसल करि माँनाँ स्वाति भई तब गोबिंद जाँनाँ। Read More

जो विषया संतन तजी

1.    जैसी तुम हमसों करी, करी करो…

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दीरघ साँस न लेहि दुख

1.    नीकी दई अनाकनी, फीकी परी गुहारि। Read More

देनहार कोउ और है

1.    देनहार कोउ और है, भेजत सो…

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प्रार्थना

जीवन प्रात-समीरण-सा लघु
विचरण-निरत करो। Read More

भजन कह्यौ, तातैं भज्यौ

1.    भजन कह्यौ, तातैं भज्यौ; भज्यौ…

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भार झोंकि के भार में

1.    भजौं तो काको मैं भजौं, तजौं…

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मन के मोहन बिठुला

मन के मोहन बिठुला यह मन लागौ तोहि रे।
चरन…

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मनि मनिक महँगे किये

1.    मनि मनिक महँगे किये, सस्तो…

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मैं बुनि करि सियाँनाँ हो राम नालि करम नहिं ऊबरे

मैं बुनि करि सियाँनाँ हो राम नालि करम नहिं ऊबरे। Read More

रहिमन या तन सूप है, लीजै जगत पछोर

1.    रहिमन या तन सूप है, लीजै जगत…

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संतो भाई आई ग्यान की आँधी रे

संतो भाई आई ग्यान की आँधी रे।
भ्रम की टाटी…

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हरि के षारे बड़े पकाये जिनि जारे तिनि पाये

हरि के षारे बड़े पकाये जिनि जारे तिनि पाये।
ग्यान…

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