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1. अमर बेलि बिनु मूल की, प्रतिपालत…
1. कागद को सो पूतरा, सहजहि मैं…
1. दिव्य दीनता के रसहिं, का जाने…
1. रहिमन धोखे भाव से, मुख से…
1. रहिमन सुधि सबतें भली, लगै…
अब मैं पाइबो रे पाइबो ब्रह्म गियान।सहज समाधें…
अब मोहि ले चल नणद के बीर अपने देसा।इन पंचनि…
चरखा जिनि जरे। कतौंगी हजरी का सूत नण्नद के भइया…
1. एकै साधे सब सधै, सब साधे सब…
1. कब कौ टेरतु दीन रट, होत न…
गोकुल नाइक बीठुला मेरौ मन लागौ तोहि रे।बहुतक…
अब हम सकल कुसल करि माँनाँ स्वाति भई तब गोबिंद जाँनाँ। Read More
1. जैसी तुम हमसों करी, करी करो…
1. नीकी दई अनाकनी, फीकी परी गुहारि। Read More
1. देनहार कोउ और है, भेजत सो…
जीवन प्रात-समीरण-सा लघुविचरण-निरत करो। Read More
1. भजन कह्यौ, तातैं भज्यौ; भज्यौ…
1. भजौं तो काको मैं भजौं, तजौं…
मन के मोहन बिठुला यह मन लागौ तोहि रे।चरन…
1. मनि मनिक महँगे किये, सस्तो…
मैं बुनि करि सियाँनाँ हो राम नालि करम नहिं ऊबरे। Read More
1. रहिमन या तन सूप है, लीजै जगत…
संतो भाई आई ग्यान की आँधी रे।भ्रम की टाटी…
हरि के षारे बड़े पकाये जिनि जारे तिनि पाये।ग्यान…