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चिंता सर्ग-
उनको देख कौन रोया…
आशा सर्ग-
उषा सुनहले तीर बरसती…
लहर रही शशिकिरण चूम निर्मल यमुना-जल,चूम सरित…
मोह-
छोड़ द्रुमों की मृदु छाया, Read More
ज्येष्ठ! क्रूरता-कर्कशता के ज्येष्ठ! सृष्टि के…
सावन-
झम झम झम झम मेघ बरसते…
वासन्ती की गोद में तरुण,सोहता स्वस्थ-मुख…
दो बूँदें-
शरद का सुन्दर नीलाकाश, Read More
निशा बीती, गगन का रूप दमका,किनारे पर किसी…
प्रथम-रश्मि का आना रंगिणि ! …
इड़ा सर्ग-
प्राची में फैला मधुर रागजिसके…
बादल छाये,ये मेरे अपने सपने …
बीती विभावरी जाग री ! अम्बर…
भारत ही जीवन-धन, Read More
नौका विहार-
शान्त, स्निग्ध,…
स्नेह की रागिनी बजी देह…