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उर में माखनचार गड़े।अब कैसहु निकसत नहिं, ऊधो!…
ऊधो! ब्रज की दसा बिचारो।ता पाछे यह सिद्धि…
ऊधो! भली करी तुम आए।ये बातें कहि कहि या दुख…
ऊधो! हम अजान मति भोरी।जानति है ते जोग की…
कहियो नंद कठोर भए।हम दोउ बीरैं डारि परघरै…
नीके रहियो जसुमति मैया।आवैंगे दिन चारि पाँच…
नौ लख गाय सुनी हम नन्द के तापर दूध दही न अघाने। Read More
पथिक ! सँदेसो कहियो जाय।आवैंगे हम दोनों भैया,…
बरु वै कुब्जा भलो कियो।सुनि सुनि समाचार ऊधो…
बिलग जनि मानहु, ऊधो प्यारे।वह मथुरा काजर…
हमसों कहत कौन की बातें ?सुनि ऊधो ! हम समुझत…
हरि काहे के अंतर्जामी ?जौ हरि मिलत नाहिं…