काव्यांश (पुस्तक - अनामिका)

कहाँ देश है ?

‘अभी और है कितनी दूर तुम्हारा प्यारा देश…

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क्या गाऊँ ?

क्या गाऊँ ?-माँ! क्या गाऊँ ?

गूँज रही हैं…

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खँडहर के प्रति

खँडहर ! खड़े हो तुम आज भी ?
अद्भुत अज्ञात उस…

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चुम्बन

लहर रही शशिकिरण चूम निर्मल यमुना-जल,
चूम सरित…

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ज्येष्ठ

ज्येष्ठ! क्रूरता-कर्कशता के ज्येष्ठ! सृष्टि के…

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दान

वासन्ती की गोद में तरुण,
सोहता स्वस्थ-मुख…

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दान

मैं प्रातः पर्यटनार्थ चला
लौटा, आ पुल पर खड़ा…

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दान

फिर देखा, उस पुल के ऊपर
बहुसंख्यक बैठे हैं…

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दिल्ली

क्या यह वही देश है-
भीमार्जुन आदि का कीर्तिक्षेत्र, Read More

प्रगल्भ प्रेम

आज नहीं है मुझे और कुछ चाह
अर्धविकच इस हृदय-कमल…

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प्रेम के प्रति

चिर-समाधि में अचिर-प्रकृति जब,
तुम अनादि तब…

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वीणावादिनी

तव भक्त भ्रमरों को हृदय में लिये वह शतदल विमल Read More

सच है

यह सच है:-
तुमने जो दिया दान दान वह,
हिन्दी…

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सन्तप्त

अपने अतीत का ध्यान
करता मैं गाता था गाने भूले…

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