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‘अभी और है कितनी दूर तुम्हारा प्यारा देश…
क्या गाऊँ ?-माँ! क्या गाऊँ ?
गूँज रही हैं…
खँडहर ! खड़े हो तुम आज भी ?अद्भुत अज्ञात उस…
लहर रही शशिकिरण चूम निर्मल यमुना-जल,चूम सरित…
ज्येष्ठ! क्रूरता-कर्कशता के ज्येष्ठ! सृष्टि के…
वासन्ती की गोद में तरुण,सोहता स्वस्थ-मुख…
मैं प्रातः पर्यटनार्थ चलालौटा, आ पुल पर खड़ा…
फिर देखा, उस पुल के ऊपरबहुसंख्यक बैठे हैं…
क्या यह वही देश है-भीमार्जुन आदि का कीर्तिक्षेत्र, Read More
आज नहीं है मुझे और कुछ चाहअर्धविकच इस हृदय-कमल…
चिर-समाधि में अचिर-प्रकृति जब,तुम अनादि तब…
तव भक्त भ्रमरों को हृदय में लिये वह शतदल विमल Read More
यह सच है:-तुमने जो दिया दान दान वह,हिन्दी…
अपने अतीत का ध्यानकरता मैं गाता था गाने भूले…