गद्यांश (विषय - फुटकल पंक्तियाँ)

फुटकल पंक्तियाँ

मेघ बरसने के बाद आसमान शान्त और साफ हो जाता है, वैसे ही मन भी रति के बाद निर्मल, शुभ्र और कामनाहीन…

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फुटकल पंक्तियाँ

कविता में जहाँ देवताओं के प्रेम का वर्णन होता था, वह स्थान साधारण मनुष्य ले ले-यह जनतांत्रिक भाव…

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फुटकल पंक्तियाँ

स्नेह बड़ी दारुण वस्तु है, ममता बड़ी प्रचण्ड शक्ति है।
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पर मेरा भाग्य अब भी किसी अदृष्ट…

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फुटकल पंक्तियाँ

इस मन या हृदय का कोई ‘विज्ञान‘ नहीं हो सकता, इसका ‘काव्य‘ ही हो सकता है। Read More

फुटकल पंक्तियाँ

भारतीय किसान के पास ’रोष’ नाम की वस्तु है ही नहीं। वह तो सनातन ’होरी’ है,…

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बा की फुटकल पंक्तियाँ


रूप हो या शान-शौकत, अगर कोई कद्रदान न हो तो वह छीजते-छीजते साकार कुरूपता में बदल जाता है। Read More