काव्यांश (पुस्तक - अणिमा)

उन चरणों में मुझे दो शरण

उन चरणों में मुझे दो शरण।
इस जीवन को करो हे…

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दलित जन पर करो करुणा

दलित जन पर करो करुणा।
दीनता पर उतर आये Read More

धूलि में तुम मुझे भर दो

धूलि में तुम मुझे भर दो।
धूलि-धूसर जो हुए…

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नूपुर के सुर मन्द रहे

नूपुर के सुर मन्द रहे,
जब न चरण स्वच्छन्द…

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बादल छाये

बादल छाये,
ये मेरे अपने सपने
   …

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भाव जो छलके पदों पर

भाव जो छलके पदों पर,
न हों हलके, न हों नश्वर। Read More

स्नेह-निर्झर बह गया है

स्नेह-निर्झर बह गया है।
रेत ज्यों तन रह गया…

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