काव्यांश (विषय - शिव-भक्ति)

कस न दीनपर द्रवहु उमाबर

कस न दीनपर द्रवहु उमाबर। दारुन बिपति हरन करुनाकर।। Read More

को जाँचिये संभु तजि आन

को जाँचिये संभु तजि आन।
दीनदयालु भगत-आरति-हर,…

Read More
जाँचिये गिरिजापति कासी

जाँचिये गिरिजापति कासी। जासु भवन अनिमादिक दासी।। Read More

दानी कहुँ संकर-सम नाहीं

दानी कहुँ संकर-सम नाहीं।
दीन-दयालु दिबोई भावै,…

Read More
देखो देखो, बन बन्यो आजु उमाकंत

देखो देखो, बन बन्यो आजु उमाकंत। मानों देखन तुमहिं…

Read More
बावरो रावरो नाह भवानी

बावरो रावरो नाह भवानी।
दानि बड़ो दिन देत दये…

Read More
सिव ! सिव ! होइ प्रसन्न करु दाया

सिव ! सिव ! होइ प्रसन्न करु दाया।
करुनामय…

Read More
सेवहु सिव-चरन-सरोज-रेनु

सेवहु सिव-चरन-सरोज-रेनु। कल्यान-अखिल-प्रद कामधेनु।। Read More