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गहन है यह अन्ध कारा; …
इड़ा सर्ग-
देखे मैंने वे…
बाहर मैं कर दिया गया हूँ। भीतर, पर, भर दिया गया…
मैं अकेला;देखता हूँ, आ रही …
वो निगाहें सलीब हैं,हम बहुत बदनसीब हैं।
आइए…
स्नेह-निर्झर बह गया है।रेत ज्यों तन रह गया…