काव्यांश (विषय - अकेलापन)

बाहर मैं कर दिया गया हूँ

बाहर मैं कर दिया गया हूँ। भीतर, पर, भर दिया गया…

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वो निगाहें सलीब हैं

वो निगाहें सलीब हैं,
हम बहुत बदनसीब हैं।

 

आइए…

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स्नेह-निर्झर बह गया है

स्नेह-निर्झर बह गया है।
रेत ज्यों तन रह गया…

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