काव्यांश (विषय - दैन्य भक्ति)

 रहिमन बहु भेषज करत

1.    रहिमन धोखे भाव से, मुख से…

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मनि मनिक महँगे किये

1.    मनि मनिक महँगे किये, सस्तो…

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