गद्यांश (विषय - नारी सौन्दर्य)

उसके सारे शरीर से स्वच्छ कान्ति प्रवाहित हो रही थी

मैंने इस बार स्वाभाविक संकोच छोड़कर इस कमनीयता की मूर्त्ति की ओर देखा। उसको देखकर अत्यन्त पतित व्यक्ति…

Read More
स्त्रियाँ ही रत्नों को भूषित करती हैं

स्त्रियाँ ही रत्नों को भूषित करती हैं, रत्न स्त्रियों को क्या भूषित करेंगे ! स्त्रियाँ तो रत्न के…

Read More