सभी स्त्रियों को पारिवारिक सम्बन्धों में ही क्यों पुकारा जाता है

पीछे

“अच्छा माँ, सभी स्त्रियों को पारिवारिक सम्बन्धों में ही क्यों पुकारा जाता है ?“
“अपने भले के लिए! परिवारिक सम्बन्ध, चाहे वे वास्तविक हों या कल्पित, मनुष्य के अवचेतन को पवित्र और निर्मल बनाते हैं। जिस दिन लोग इस बात को भूल जाएँगे, उस दिन समाज उच्छिन्न हो जाएगा।“
 

पुस्तक | अनामदास का पोथा लेखक | आ0 हजारी प्रसाद द्विवेदी भाषा | खड़ी बोली विधा | उपन्यास