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अन्तस्तल से यदि की…
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एक यही अरमान गीत बन, प्रिय, तुमको अर्पित हो जाऊँ। Read More
कुछ साहस दो तो बात कहूँ मैं मन की।देख तुम्हें…
मोह-
छोड़ द्रुमों की मृदु छाया, Read More
भावुकता की हरियाली में …
दलित जन पर करो करुणा।दीनता पर उतर आये Read More
दे मन का उपहार सभी को, ले चल मन का भार अकेले। Read More
अभी न होगा मेरा अन्त।अभी-अभी ही तो आया है Read More
पुण्य की है जिसको पहचान,उसे ही पापों का अनुमान, Read More
पुष्प-गुच्छ-माला दी सबने, तुमने अपने अश्रु छिपाए। Read More
प्रतिजन को करो सफल। Read More
प्रथम-रश्मि का आना रंगिणि ! …
बहुत दिये हैं, किस किस पर तू वारेगा पर, हे परवाने। Read More
बाहर मैं कर दिया गया हूँ। भीतर, पर, भर दिया गया…
बीती विभावरी जाग री ! अम्बर…
मेरी तो हर साँस मुखर है, प्रिय, तेरे सब मौन सँदेसे। Read More
तव भक्त भ्रमरों को हृदय में लिये वह शतदल विमल Read More
अपने अतीत का ध्यानकरता मैं गाता था गाने भूले…