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‘‘उड़ते जो झंझावातों में,पीते…
ऊँच-नीच का भेद न माने, वही श्रेष्ठ ज्ञानी है, Read More
‘‘कवच-कुण्डल गया; पर, प्राण तो हैं, Read More
‘‘मैं कहता हूँ, अगर विधाता नर को मुठ्ठी…
पर नहीं, मरण का तट छूकर, …
‘‘फूटता द्रोह-दव का पावक,हो जाता…
जो जहर हमें बरबस उभार, …
थे जहाँ सहस्रों वर्ष पूर्व, …
पर, जाने क्यों, नियम एक अद्भुत जग में चलता है, Read More
द्वन्द्व-युद्ध के लिए पार्थ को फिर उसने ललकारा, Read More
‘‘होकर समृद्धि-सुख के अधीन,मानव…
नरता का आदर्श तपस्या के भीतर पलता है,देता…
निशा बीती, गगन का रूप दमका,किनारे पर किसी…
परशु और तप, ये दोनों वीरों के ही होते श्रृंगार, Read More
पाप हाथ से निकल मनुज के सिर पर जब छाता है,तब,…
‘‘मुझ-से मनुष्य जो होते हैं,क्ंचन…
‘‘बज चुका काल का पटह, भयानक क्षण है, Read More
महाभारत मही पर चल रहा है,भुवन का भाग्य रण…
क्षुद्र पात्र हो मग्न कूप में जितना जल लेता है, Read More
‘‘मही का सूर्य होना चाहता हूँ,विभा…
‘‘मूल जानना बड़ा कठिन है नदियों का,…
‘‘मैं उनका आदर्श, जिन्हें कुल का गौरव…
‘‘मैत्री की बड़ी सुखद छाया,शीतल…
‘‘यह देख, गगन मुझमें लय है,यह…
यह देह टूटनेवाली है, इस …
‘‘हित-वचन नहीं तूने माना,मैत्री…
राधेय सान्ध्य पूजन में ध्यान लगाये,था खड़ा…
राधेय जरा हँसकर बोला, …
वसुधा का नेता कौन हुआ?भूखण्ड-विजेता कौन हुआ? Read More
‘‘वह करतब है यह कि शूर जो चाहे कर सकता…
संग्राम-बुभुक्षा से पीड़ित, …
सच है, विपत्ति जब आती है,कायर को ही दहलाती…
सबकी पीड़ा के साथ व्यथा …
सरिता देती वारि कि पाकर उसे सुपूरित घन हो,बरसे…
‘‘सिर पर कुलीनता का टीका,भीतर…
समझा, तो यह और न कोई, आप स्वयं सुरपति हैं,देने…
देवराज! हम जिसे जीत सकते न बाहु के बल से,क्या…
है धर्म पहुँचना नहीं, धर्म तो …