काव्यांश (पुस्तक - प्रणय-पत्रिका)

एक यही अरमान गीत बन, प्रिय, तुमको अर्पित हो जाऊँ

एक यही अरमान गीत बन, प्रिय, तुमको अर्पित हो जाऊँ। Read More

पुष्प-गुच्छ-माला दी सबने, तुमने अपने अश्रु छिपाए

पुष्प-गुच्छ-माला दी सबने, तुमने अपने अश्रु छिपाए। Read More

मेरी तो हर साँस मुखर है, प्रिय, तेरे सब मौन सँदेसे

मेरी तो हर साँस मुखर है, प्रिय, तेरे सब मौन सँदेसे। Read More