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खोलता इधर जन्म लोचन,मूँदती उधर मृत्यु क्षण-क्षण; Read More
मोह-
छोड़ द्रुमों की मृदु छाया, Read More
कहाँ आज वह पूर्ण-पुरातन, वह सुवर्ण का काल ? Read More