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अब तोहि जान न देहुँ राम पियारे ज्यूँ भावै त्यूँ…
अब मैं पाइबो रे पाइबो ब्रह्म गियान।सहज समाधें…
अब मोहि ले चल नणद के बीर अपने देसा।इन पंचनि…
अवधू ग्यान लहरि धुनि मीडि रे।सबद अतीत अनाहद…
इति तत राम जपहु रे प्राँनी बुझौ अकथ कहाँणी। Read More
एक अचंभा देखा रे भाई ठाढ़ा सिंह चरावै गाई।पहले…
चरखा जिनि जरे। कतौंगी हजरी का सूत नण्नद के भइया…
गोकुल नाइक बीठुला मेरौ मन लागौ तोहि रे।बहुतक…
अब हम सकल कुसल करि माँनाँ स्वाति भई तब गोबिंद जाँनाँ। Read More
दुलहनी गावहु मंगलचार।हम घरि आए हो राजा राम…
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।गत फल फूल तत तर पल्लव…
बहुत दिनन थैं मैं प्रीतम पाये भाग बड़े घरि बैठे…
मन के मोहन बिठुला यह मन लागौ तोहि रे।चरन…
मन रे मन ही उलटि समाँना।गुर प्रसादि अकलि…
मैं बुनि करि सियाँनाँ हो राम नालि करम नहिं ऊबरे। Read More
संतो भाई आई ग्यान की आँधी रे।भ्रम की टाटी…
हरि के षारे बड़े पकाये जिनि जारे तिनि पाये।ग्यान…