गद्यांश (विषय - रहस्यवाद)
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एक महाश्वेता रात्रि
मेरा जीवहंस ऊपर मँडराता रहा नील व्योम में, नील परमपद के मध्य और नीचे प्रभु के मन-समुद्र से उत्पन्न…
Read Moreरोहिणी-मेघ
ढूँढ़ना स्वतः एक अमृत-फल है। सारा प्यार ढूँढ़कर पाने में ही है। बिना ढूँढ़ने का श्रम किये प्रिय वस्तु…
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