गद्यांश (विषय - जाति प्रथा)

आर्यावर्त्त-जैसी विचित्र समाज-व्यवस्था मैंने कहीं नहीं देखी है

आर्यावर्त्त-जैसी विचित्र समाज-व्यवस्था मैंने कहीं नहीं देखी है। यहाँ इतना स्तर-भेद है कि मुझे आश्चर्य…

Read More
जातीय बहिष्कार जाति-मुक्त नहीं करता

अपना पैसा गाँठ में होने के बावजूद लन्दन जाने के लिए मोहनदास को दूसरों से कर्ज लेना पड़ा था। अगर न…

Read More
देह-वल्कल

मेरे विद्याव्रत का आरम्भ उस दिन से नहीं जिस दिन चतुर्वेदी जी ने कान में -ऊँ भूर्भुवः स्वः....’…

Read More
रस-आखेटक

विन्ध्याचल की पहाड़ियों में महुआ के काफी जंगल हैं। यहाँ महुआ वन अपने-आप उपजता है और खटीक आदि गरीब…

Read More