गद्यांश (विषय - जाति प्रथा)
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आर्यावर्त्त-जैसी विचित्र समाज-व्यवस्था मैंने कहीं नहीं देखी है
आर्यावर्त्त-जैसी विचित्र समाज-व्यवस्था मैंने कहीं नहीं देखी है। यहाँ इतना स्तर-भेद है कि मुझे आश्चर्य…
Read Moreजातीय बहिष्कार जाति-मुक्त नहीं करता
अपना पैसा गाँठ में होने के बावजूद लन्दन जाने के लिए मोहनदास को दूसरों से कर्ज लेना पड़ा था। अगर न…
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