गद्यांश (विषय - आदर्श)

उत्तरकुरु और कदलीवन

कोरी सौंदर्य साधना, कोरा सौंदर्यबोध निरर्थक है। इसे शील से जोड़कर ही रचनात्मक और मंगलमय बनाया जा सकता…

Read More
चल मोरवा बारात रे

हमारे साहित्य में ’आत्मा’ का प्रतीक ’हंस’ माना गया है तो ’मन’…

Read More
यह ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन‘ की पीढ़ी है

जयदीप को लगता है कि इस देश में कोई भी बड़े से बड़ा चोर, डाकू, लुटेरा, खूनी नहीं है जो आदर्शों की बात…

Read More