गद्यांश (विषय - भारतीय संस्कृति)

अशोक के फूल 


गंधर्व और कंदर्प वस्तुतः एक ही शब्द के भिन्न-भिन्न उच्चारण हैं।
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एक महाश्वेता रात्रि

यह पीपल दार्शनिकों का भी वृक्ष है। भारतीयों के मन पर यह आर्यों के आगमन के पूर्व से ही हावी है। मोहनजोदड़ो-हड़प्पा…

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पिता ने दूब के नाल के साथ कस्तूरबा का हाथ मोहनदास के हाथ में दिया

फिर पिता गोकुलदास खड़े हुए और समय, कल्प, युग, जम्बूद्वीप, देश, वर्ष, मौसम, दिन, नगर, नक्षत्रों की…

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संस्कृति और सौन्दर्य

यह आकस्मिक नहीं है कि भारतीय संस्कृति के नाम पर नैतिकता की ध्वजा फहरानेवाले प्रकृति के सौन्दर्य को…

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संस्कृति का शेषनाग

यहाँ पर समझने की बात है कि जिसे सारा देश ‘पूरी‘ कहता है उसे भोजपुरी लोग ‘पूड़ी‘…

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