गद्यांश (पुस्तक - बा)

जातीय बहिष्कार जाति-मुक्त नहीं करता

अपना पैसा गाँठ में होने के बावजूद लन्दन जाने के लिए मोहनदास को दूसरों से कर्ज लेना पड़ा था। अगर न…

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जीवन-भर का कैदी, मृत्यु के समय भी कैदी

जिस कमरे में महादेव भाई का शव रखा था, उसे फूलों से सजाया गया था। कुछ घंटों तक सबके दर्शनों के लिए…

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पत्नी का भी अपना जीवन होता है

कैसे समझाती कि पत्नी का भी अपना जीवन होता है ? जीवन जीने का हर किसी का एक अपना अन्दाज होता है ? उसने…

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पिता ने दूब के नाल के साथ कस्तूरबा का हाथ मोहनदास के हाथ में दिया

फिर पिता गोकुलदास खड़े हुए और समय, कल्प, युग, जम्बूद्वीप, देश, वर्ष, मौसम, दिन, नगर, नक्षत्रों की…

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पुत्र-पौत्र स्त्री जीवन की बड़ी उपलब्धि होती है

शायद पुत्र-पौत्र स्त्री जीवन की उतनी ही बड़ी उपलब्धि होती है जितनी बड़ी एक स्वतंत्रता सेनानी के लिए…

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बा की फुटकल पंक्तियाँ


रूप हो या शान-शौकत, अगर कोई कद्रदान न हो तो वह छीजते-छीजते साकार कुरूपता में बदल जाता है। Read More