गद्यांश (लेखक - लाला श्रीनिवास दास)

अखबार के एडीटर की इस लिखावट सै क्या, क्या बातें मालूम होती हैं

एक अखबार के एडीटर की इस लिखावट सै क्या, क्या बातें मालूम होती हैं ? प्रथम तो यह है कि हिंदुस्थान…

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अपनें पतिको किसी समय मौकेसै नैक सलाह भी देती है

मदनमोहन की स्त्री अपनें पतिको किसी समय मौकेसै नैक सलाह भी देती है परंतु बड़ोंकी तरह दबाकर नहीं। बराबर…

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चित्त तो उचित व्यवहारसै प्रसन्न रहता है

लाला ब्रजकिशोर कहनें लगे, ‘‘मुनासिब रीति सै थोड़े खर्च मैं सब तरहका सुख मिल सक्ता है परंतु…

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धन्य ! लालासाहब! धन्य !

‘‘धन्य ! लालासाहब! धन्य ! अब तो आपके सुधरे हुए बिचार हद्द के दरजें पर पहुँच गए’’…

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प्रीती के बराबर संसार मैं कौन्सा पदार्थ है

‘‘प्रीती के बराबर संसार मैं कौन्सा पदार्थ है?’’ लाला मदनमोहन कहनें लगे और…

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बदला लेने का तो इस्सै अच्छा दूसरा रास्ता ही नहीं है

‘‘ये बस बातें हँसी खुशी मैं याद आती हैं। क्रोध मैं बदला लिए बिना किसी तरह चित्त का संतोष…

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मनुष्य के मन मैं ईश्वरने अनेक प्रकार की वृत्ति उत्पन्न की हैं

‘‘उपाय करने की कुछ जरूरत नहीं हैं, समय पाकर सब अपनें आप खुल जाता है’’ लाला…

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लाला मदनमोहन को थोड़ी देर उस्की बनावट देखनी पड़ी

थोड़ी देर पीछै वह लाला मदनमोहनको लिवानें आया और बड़े शिष्टाचारसै लिवा ले जाकर उन्हैं तकियेके सहारे…

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वहाँ की शोभाका क्या पूछना

‘‘आह! वहाँ की शोभाका क्या पूछना है? आमके मौर की सुगंधी सै सब अमरैयें महक रही है। उन्की…

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