सेस सुरेस दिनेस गनेस

पीछे

सेस सुरेस दिनेस गनेस प्रजेस धनेस महेस मनाओ।
कोऊ भवानी भजो मन की सब आस सबै बिधि जाय पुराओ।
कोऊ रमा भजि लेहु महा धन कोऊ कहूँ मन वांछित पाओ।
है रसखानि मेरे वही साधन और त्रिलोक रहो कि नसाओ।।

पुस्तक | सुजान रसखान लेखक | रसखान भाषा | ब्रजभाषा विधा | सवैया