छूट्यौ गृह काज लोक लाज मनमोहन कै
पीछेछूट्यौ गृह काज लोक लाज मनमोहन कै
भूल्यौ मनमोहन कौ मुरली बजाइबो।
अब ही दिन द्वै मैं रसखानि बात फैलि जैहै
सजनी कहा लौं चंद हाथन दुराइबो।
कलि ही कालिंदी तीर चितयौ अचानक ही
दो उनकौ दोउन ओर मुरि मुसिक्याइबो।
दोऊ परैं पैयाँ दोऊ लेत हैं बलैयाँ
उन्हें भूलि गयीं गैयाँ उन्हें गागर उठाइबो।